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Kangana Ranaut’s Mandi Election -मंडी से चुनाव में उतरीं एक्ट्रेस कंगनारानौत को क्या क्या मुश्किलें आएंगी ?

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Kangana Ranaut’s Mandi Election - मंडी से चुनाव में उतरीं एक्ट्रेस कंगना रानौत को क्या क्या मुश्किलें आएंगी ?

Posted by Admin | 25 March, 2024

हिन्दी फिल्मों की अच्छी एक्सट्रेस मानी जाने वाली कंगना रानौत ( Actress Kangana Ranaut ) को बीजेपी ने हिमाचल की मंडी सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया है। कंगना रानौत लंबे समय से सोशल मीडिया पर मोदी जी और बीजेपी के समर्थन में खुलकर कैंपेन चलाती आ रही हैं। इसके कारण वे लगातार विरोधियों के निशाने पर भी रहती हैं। जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी, तो उनके ऑफिस का एक हिस्सा अवैध कब्जा बताकर तुड़वा दिया गया था। सोशल मीडिया पर भी कई बार उनको धमकियां मिलती रहती हैं और बॉलीवुड में करण जौहर और कुछ एक्टर्स का ग्रुप उनको अंदरखाने टारगेट करता ही रहता है। इसी कारण कंगना को बॉलीवुड में टिके रहने के लिए मोदी सरकार का साथ जरूरी था। बीजेपी ( BJP ) और पीएम मोदी ( PM Modi ) ने भी उनका जमकर समर्थन किया। उनको जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई, जिससे बॉलीवुड ( Bollywood ) में कंगना का रुतबा कायम हो गया। ऐसे में जब हिमाचल की मंडी सीट से उनको उतारा गया तो कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक पोस्ट किया, जिसमें कंगना की फिल्म की एक ऐसी तस्वीर को पोस्ट किया गया, जिसमें वे बेहद कम कपड़ों में थीं। सुप्रिया ने उस पर कैप्शन लगाया- मंडी में आजकल क्या भाव चल रहा है। अब इसका क्या मतलब है? क्या कांग्रेस ये साबित करना चाहती है कि कंगना ने कम कपड़ों वाले जो रोल्स निभाए हैं, उनका कैरेक्टर भी वैसा ही है। स्क्रीन पर उन्होंने कई बार बहुत ज़्यादा बोल्ड सीन्स दिए हैं तो कई बार अच्छे कैरेक्टर भी निभाएं हैं।

सुप्रिया श्रीनेत ने यह क्या कह दिया ?

सुप्रिया श्रीनेत ( Supriya Shrinet ) की ये पोस्ट फौरन विवादित होकर वायरल हो गई। तब कंगना ने इसका स्क्रीन शाट्स लेकर जवाब लिखा- ”प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में मैंने अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में हर तरह की महिलाओं का किरदार निभाया है। फिल्म ‘क्वीन’ में एक भोली-भाली लड़की से लेकर ‘धाकड़’ में जासूस तक, ‘मणिकर्णिका’ में एक देवी से लेकर ‘चंद्रमुखी’ में राक्षस तक । ‘रज्जो’ में एक प्रॉस्टिट्यूट से लेकर ‘थलाइवी’ में एक क्रांतिकारी नेत्री तक । हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए। हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा रखने से ऊपर उठना चाहिए। साथ ही, हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन या परिस्थितियों को लेकर इस प्रकार के अपशब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। हर महिला अपनी गरिमा की हकदार है…।” इस करारे जवाब से लगता है कि कांग्रेस डर गई और सुप्रिया ने फौरन ये ट्वीट डिलीट कर दिया। इतना ही नहीं सुप्रिया ने एक बयान जारी करके कहा कि लगता है कि मेरा एकाउंट किसी ने हैक कर लिया होगा।
अब सवाल उठता है कि सुप्रिया श्रीनेत ( ( Supriya Shrinet ) ने एक महिला होकर और उससे भी बड़ी बात कि सोनिया गांधी ( Soniya Gandhi ) जैसी महिला के नेतृत्व में चल रही पार्टी में ऐसा मुद्दा क्यों उठाया। अगर उन्होंने नहीं उठाया, जिसने भी उनके एकाउंट का इस्तेमाल किया, उसने ऐसा क्यों किया ?

कंगना के रोल्स बन गए मुद्दा ?

जाहिर है कि कांग्रेस का मकसद लोगों के बीच ये एंगल पहुंचाना था कि मंडी सीट की से सांसद बनने की दौड़ में उतरने वाली महिला कंगना रानौत ( Kangana Ranaut), फिल्मों में कैसे कैसे गंदे किरदार निभा चुकी हैं और बेहद कम कपड़ों में स्क्रीन पर आ चुकी है। हो सकता है कि उसका निशाना सही लगा हो, क्योंकि उसके बाद कंगना के और कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये जाने लगे। इसका कारण है कि बीजेपी का जो हिन्दू वोटर है, वो इस तरह के अश्लील प्रदर्शन को अच्छा नहीं मानता। कांग्रेस उनके दिल में यही बात डालना चाहती थी, जिसमें वो कामयाब भी हो सकती है, लेकिन कंगना ने फौरन अपना बचाव करते हुए जवाब दिया कि फिल्मों में तो एक्ट्रेस को ऐसे रोल करने ही पड़ते हैं। अब यही विवाद का विषय है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए।
अब सवाल उठया है कि जिस तरह से कांग्रेस ने शुरू में ही कंगना के चरित्र पर हमला करना शुरू कर दिया है, क्या वे बीजेपी के धार्मिक वोटर्स को चुनौती नहीं दे रहीं, कि क्या आप ऐसी महिला को अपना सांसद बनाओगे, जो कम उम्र में ही घर से निकल गई थी और बॉलीवुड में इतनी बदनाम हो गई। कंगना और उनसे उम्र में बीस साल बड़े एक्टर आदित्य पंचोली ( Aditya Pancholi ) के रिश्तों को लेकर भी बहुत विवाद रहा है। कंगना भी खुलकर इस पर बोलती रहीं हैं। कोर्ट में भी केसेज चले। अब ऐसे में बीजेपी के लिए कंगना का बचाव करना इतना आसान भी नहीं रहने वाला। कंगना ( Kangana Ranaut), को भी पता है कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों को कुछ भी बोला जा सकता है कि लेकिन अगर यही सवाल मंडी में उठने लगे तो उन वोटरों को कैसे समझाया जाएगा।

कंगना ने ग़लती कर दी ?

इसके बाद कहीं न कहीं उनके समर्थक कहने लगे हैं कि कंगना ने सीधे लोकसभा चुनाव में उतरकर खतरा मोल ले लिया है। वैसे भी मंडी सीट पर पिछली दो बार से कांग्रेस की धाकड़ नेता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का कब्जा है। उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह भी हिमाचल सरकार में मंत्री हैं। यानी इतने रसूख वाले सियासी परिवार से बीजेपी ने सीधे कंगना को भिड़ा दिया। कंगना चाहतीं तो मोदी जी कहकर, राज्यसभा के जरिए संसद में जा सकती थीं, जैसे रेखा और जया बच्चन आदि एक्ट्रेस गईं। वहां जाकर अपना काम साबित किया, अपनी छवि बदली। अगर कंगना भी यही रास्ता चुनतीं तो उनकी फिल्मों का मुददा बेअसर हो जाता, लेकिन अब जब वे सीधे मैदान में उतर गईं हैं तो फिर आर होगा या पार होगा। अगर वे चुनाव हार जाती हैं तो फिर बीजेपी का भी उनसे मोह भंग हो जाएगा और पांच साल तक उनको फिर संघर्ष करना पड़ सकता है, क्योंकि बॉलीवुड में धर्मा प्रोडक्शन वाले करण जौहर का गैंग तो तब भी पावरफुल रहेगा ही।
अब बात करें मंडी ( Mandi loksabha Constituency ) सीट की तो यहां 1 जून को वोटिंग है। यहां पूर्व सीएम वीरद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह ( Pratibha Singh )
ने 2021 में विपरीत हालात में उपचुनाव लड़ भाजपा को पटखनी दी और जीत हासिल की थी। जब कांग्रेस हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जीती तो प्रतिभा सिंह सीएम बनना चाहती थीं, लेकिन मंडी सीट पर दोबारा चुनाव न कराना पड़े, इसलिए कांग्रेस ने उनका नाम किनारे कर दिया। इससे प्रतिभा और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ( Vikramaditya Singh ) नाराज रहते हैं और गाहे बगाहे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ( Sukhvinder Singh Sukhu ) के खिलाफ मोर्चा खोलते रहते हैं। इसी कारण प्रतिभा ने कुछ दिन पहले मंडी से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। लेकिन बीजेपी से कंगना का नाम घोषित होने के बाद उन्होंने फिर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जाहिर है कि प्रतिभा सिंह को भी लगने लगा है कि कंगना को हराना इतना मुश्किल भी नहीं होगा। यह संसदीय क्षेत्र प्रतिभा सिंह व उनके स्व. पति वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि रही है। 1971 से 2021 तक दोनों ने नौ बार चुनाव लड़ा है। पति-पत्नी दोनों ही तीन-तीन बार विजयी हुए हैं, लेकिन वीरभद्र सिंह को एक व प्रतिभा सिंह को दो बार हार का सामना करना पड़ा था। पहले प्रतिभा सिंह ने खुद चुनाव न लड़ने की इच्छा जताते हुए पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर और विधानसभा चुनाव में बीजेपी से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा का नाम आगे बढ़ाया है।

कंगना की कहानी

3 मार्च 1987 को जन्मी 37 साल की बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत मंडी के सरकाघाट उपमंडल के भांबला की रहने वाली हैं और उन्होंने एक घर मनाली में भी बनाया हुआ है। शुरुआती शिक्षा के बाद कंगना दिल्ली चली आईं।
2006 में केवल 19 साल की उम्र में कंगना ने पहली फिल्म गैंगस्टर से बॉलीवुड में शुरुआत की थी. इनके पिता अमरदीप रानौत का अपना कारोबार है, वहीं मां आशा रानौत टीचर हैं. कंगना की बड़ी बहन का नाम रंगोली चंदेल है। करीब सौ करोड़ की नेट वर्थ वाली कंगना रनौत ( Kangana Ranaut), राजपूत समाज ( Rajpoot society ) से आती हैं, जिनका वोट यहां अच्छी खासी तादाद में हैं। इसके अलावा अनुसूचित जातियों के वोटर की संख्या भी ठीक है। ये लोग बीजेपी के समर्थक कहलाते हैं। लिहाजा इससे बीजेपी को चुनाव में फायदा पहुंच सकता है। कंगना अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जानी जाती रही हैं. सनातन धर्म की पोस्ट को लेकर भी कंगना रानौत काफी सुर्खियां में रहती हैं. सोशल मीडिया पर खुले तौर पर अपनी पोस्टों के जरिए कंगना सनातन धर्म और बीजेपी का प्रचार करती रहती हैं. इन पोस्टों को लेकर कंगना
के कई विवाद भी हुए हैं। अब देखना है कि कांग्रेस और बीजेपी की इस लड़ाई में जनता किसका साथ देती है।

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