मोदी ने इस ‘राजकुमारी’ को दे दिया सीएम जैसा रुतबा
Posted by Admin | 6 January, 2024

राजस्थान में चुनाव जीतने के बाद सीएम पद के लिए कई नामों के बीच राजकुमारी दीया कुमारी का नाम सबसे आगे था। चुनाव से पहले भी वसुंधरा के विकल्प के तौर पर दिया कुमारी को ही देखा जा रहा था। जिस तरह दिया कुमार पीएम मोदी की चुनावी सभाओं में मंच पर रहती रही, उससे अंदाजा हो गया था कि राजकुमारी इस समय मोदी कैंप की सबसे फेवरट बन चुकी हैं। चुनाव जीतने के बाद भले ही जातीय समीकरणों के लिहाज से अभी भजन लाल शर्मा को सीएम बना दिया गया है, लेकिन डिप्टी सीएम बनाईं गईं राजकुमारी
दीया भी उतनी ही पावरफुल हैं। कैबिनेट ने दिया कुमारी को नंबर दो का दर्जा मिलना आखिर क्या बताता है ? क्या आगे चलकर दिया कुमारी का रुतबा और बढ़ाया जा सकता है ?
राजस्थान के मंत्रियों को बंटे विभाग

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया। इसको लेकर कांग्रेस काफी समय से बीजेपी पर निशाना बना रही थी। इस बंटवारे में सबसे पावरफुल विभाग वित्त दीया कुमारी को दिया गया। राजस्थान में ज्यादातर मुख्यमंत्री ने सबसे अहम वित्त विभाग को हमेशा अपने पास रखा है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी वित्त विभाग अपने पास ही रख चुकी हैं। बीजेपी सरकार में काफी समय बाद ऐसा मौका आया है, जब वित्त विभाग मुख्यमंत्री के अलावा किसी कैबिनेट मंत्री को दिया गया है। दीया कुमारी को वित्त विभाग देने के पीछे सियासी गलियारों में जमकर चर्चा है। उधर, राजनीतिक जानकार इसके पीछे केंद्रीय नेतृत्व का कोई बड़ा इशारा मान रहे हैं।
दीया कुमारी को छह विभाग मिले हैं। इनमें वित्त, पर्यटन विभाग, कला साहित्य व संस्कृति, पुरातन विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और अधिकारिता विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह सभी विभाग काफी अहम हैं। इससे पहले 2013 में वसुंधरा सरकार ने दीया कुमारी को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था।
दीया कुमारी कौन हैं ?
जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी स्वर्गीय ब्रिगेडियर भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं। दीया कुमारी की शुरुआती पढ़ाई जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल और नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से हुई। उन्होंने लंदन के चेल्सी स्कूल ऑफ आर्ट्स से पढ़ाई की है। अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण वह अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी की देखरेख में पली बढ़ी हैं। उन्होंने 10 साल पहले राजनीति में कदम रखा और साल 2013 में सवाई माधोपुर से विधायक चुनी गईं। दीया ने साल 2019 में राजसमंद से लोकसभा का चुनाव भी जीता था। बीजेपी ने इस साल दीया कुमारी पर भरोसा जताते हुए उन्हें जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ही दीया कुमारी को संभावित मुख्यमंत्री को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा थी। इस दौरान पीएम मोदी की सभाओं के दौरान भी दीया कुमारी को काफी तवज्जो दीया गया। इसके बाद कयास लगाए गए कि दीया कुमारी वसुंधरा राजे का विकल्प बन सकती हैं। बताते हैं कि पीएम मोदी दिया कुमारी को ही सीएम बनाना चाहते थे, लेकिन बताया गया कि उनका अनुभव अभी कम है। इसलिए कुछ समय उनको अनुभव लेने के लिए डिप्टी सीएम बना दिया गया है। बीजेपी ने फिलहाल भजन लाल शर्मा को सीएम की कुर्सी दी, जो बेहद ही सरल व्यक्ति हैं और आगे चलकर दिया कुमारी के लिए कुर्सी खाली करके केन्द्र की राजनीति में जा सकते हैं। इसीलिए राजस्थान में अभी दीया कुमारी को ही सबसे पावरफुल बनाया गया है। सीएम जिस वित्त विभाग को अपने पास रखते आए हैं, वह इस बार दिया कुमारी को सौंप दिया गया। लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान की सियासत एक बार फिर बदलेगी।

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