भारत की ग्रोथ रेट अचानक कैसे गिरने लगी ?दूसरी तिमाही में केवल 5.4% रही विकास दर
Posted by Admin | 31 December, 2023

नई दिल्ली- लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र चुनाव के दौरान बीजेपी लगातार देश की बढ़ती जीडीपी के दावे कर रही थी, लेकिन अब खबर आई है कि चालू वित्त वर्ष ( 2034-25) की दूसरी तिमाही में देश की ग्रोथ रेट गोता लगा गई । ग्रॉस डेमेस्टिक प्रॉडक्ट (Gross Domestic Product) यानी जीडीपी किसी देश की आर्थिक सेहत का रिपोर्ट कार्ड होती है।
जैसे हम हेल्थ टेस्ट करवाते हैं और अचानक पता लगता है कि शुगर बढ़ गया है, या बीपी लो हो गया है, उसी तरह देश की जीडीपी का टेस्ट भी हर तीन महीने में होता रहता है। दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर 2024 के बीच देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.4% रह गई । इतना नहीं ये जानकर आप और भी हैरान रह जाएंगे कि ये पिछले दो साल का सबसे निचला स्तर है। पिछले साल यानी 2023-24 की समान अवधि में ये 8.1 फीसदी थी और अप्रैल- जून में 6.7 फीसदी थी। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल की दूसरी तिमाही में ये 5.4 फीसदी रह गई है। यानी लगातार गोता खाती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार के दावों की पोल खोल रही है।
क्या कह रहे एक्सपर्ट?

इकोनॉमी के एक्सपर्ट का मानना है कि लोगों की खरीदने की शक्ति में कमी के कारण कंजप्शन घट रहा है। यानी बड़ी संख्या में लोग उपभोग में कमी कर रहे हैं ।
जीडीपी ग्रोथ का पिछला लोअर लेवल 4.3 फीसदी था, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दर्ज किया गया था। हालांकि इस दौरान भी भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.6% थी।
हालांकि जानकारों ने जीडीपी में गिरावट की आशंका पहले ही जाहिर कर दी थी।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण यानी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से घटकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका करीब दो साल का निचला स्तर है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि का पिछला लोवर लेवल 4.3 फीसदी था, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों से पता चलता है कि एग्रीकल्चर क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.5 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.7 प्रतिशत बढ़ा था।
भारत का GVA जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6% की दर से बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में ग्रोथ 7.7% रही थी, वहीं, पिछली तिमाही में ग्रोथ 6.8% थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण GDP ग्रोथ धीमी हुई है।
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ गिरने लगी

बीती तिमाही की बात करें तो मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर गिरकर 2.2 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसमें 14.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
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विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने शुरू में कई नीतिगत पहल की थी जैसे- मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, नई औद्योगिक नीति, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, विदेशी निवेश पर प्रतिबंध हटाना, तथा नए व्यवसायों के लिए मंजूरी हेतु वन-स्टॉप शॉप की स्थापना आदि।
हालांकि अभी भी दावा किया जा रहा है कि भारत जल्द जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जापान टाइम्स में प्रकाशित यह आर्टिकल जापान के कुछ अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा पर आधारित है, जिसमें कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशिया-प्रशांत प्रमुख मार्सेल थिएलियंट भी शामिल हैं.
रिपोर्ट में थिएलियंट के हवाले से बताया गया कि उम्मीद है कि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2026 तक जापान को पछाड़ देगा। हालांकि, हाल की घटनाओं के बाद पूर्वानुमानों की समीक्षा की जा रही है।

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