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Cricketer Akashdeep Biography- गरीब परिवार, पिता और भाई की अचानक मौत, मां बीमार- ऐसे संघर्षों से उबरकर कैसे चमके हैं आकाशदीप..

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Posted by Admin | 2 February,  2024

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भारतीय क्रिकेट टीम में वैसे तो एक से एक बढ़कर सितारे चमके हैं, लेकिन आकाशदीप की कहानी उन सबसे अलग है। गरीब परिवार के एक लड़के को क्रिकेट के आसमान में चमकने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा- इतना कि वह किस्मत लड़कर यहां पहुंचा है।
आकाशदीप ( AkashDeep ) ने टेस्ट कैप पहनते ही इंग्लैण्ड के खिलाफ रांची टेस्ट ( ranchi test ) में कमाल कर दिया. आकाश ने पहली पारी में तीन विकेट झटककर अंग्रेजों की कमर ही तोड़ दी. लेकिन आज का यह दिन देखने से पहले आकाश ने कई गम से भरी हुई रातें देखी हैं. वह दौर भी देखा जब पिता और भाई एक के बाद एक दुनिया छोड़ गए । उसके बाद ऐसा दौर आया कि तीन साल तक क्रिकेट से दूरी बनानी पड़ी । एक दोस्त ने मदद की और दोबारा क्रिकेट में वापसी हो पाई, वरना आकाश भी आज कोई छोटी मोटी नौकरी कर रहे होते, क्योंकि क्रिकेट के प्रति जुनून के कारण उन्होंने कभी पढ़ाई में मन ही नहीं लगाया।

आकाशदीप का ड्रीम डेब्यू

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 आकाश दीप ने इंग्लैंड ( England cricket team ) के खिलाफ भारतीय टीम से ड्रीम डेब्यू किया. बुमराह ( bumrah ) की तरह के इस तेज़ गेंदबाज़ ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को घुटनों पर ला दिया. रांची में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट में आकाश दीप ने भारत के लिए डेब्यू किया. इसी के साथ आकाश भारत के लिए 313वें टेस्ट प्लेयर बने. बंगाल के लिए खेलने वाले आकाश ने पहले ही मुकाबले में बता दिया कि क्यों उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया.
टॉस जीतकर पहले बैटिंग के लिए उतरी इंग्लैंड को आकाश दीप ने 11.5 ओवर तक 3 झटके दे दिए. आकाश ने तीन विकेट के साथ इंग्लिश टॉप ऑर्डर को ढेर कर दिया. सबसे पहले आकाश ने 10वें ओवर की दूसरी गेंद पर इंग्लिश ओपनर बेन डकेट को कीपर कैच के ज़रिए चलता किया. भारतीय पेसर ने डकेट को अपनी सटीक लाइन और लेंथ के जाल में फंसाया.
फिर 10वें ही ओवर की चौथी गेंद पर आकाश ने नंबर तीन पर बैटिंग के लिए उतरे ओली पोप ( oly pop ) को एल्बीडब्लूय के ज़रिए बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया. पोप अपनी पारी की दूसरी ही गेंद पर विकेट गंवा बैठे. फिर 12वें ओवर की 5वीं गेंद पर आकाश ने दूसरे इंग्लिश ओपनर जैक क्रॉली, जो अच्छी पारी खेल रहे थे, को बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई. अर्धशतक की ओर बढ़ रहे क्रॉली 42 गेंदों में 6 चौके और 1 छक्के की मदद से 42 रन बनाकर पवेलियन लौटे.
बता दें कि पारी के चौथे ही ओवर में आकाश ने जैक क्रॉली (jack croly ) को शानदार गेंद पर बोल्ड कर दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से वो नो बॉल हो गई थी. लेकिन फिर 10वें ओवर में उन्होंने अपना पहला टेस्ट विकेट झटका और 12वें ओवर क्रॉली को लीगल डिलिवरी पर बोल्ड किया.
आकाश दीप ने बुमराह की गैरमौजूदगी में रांची टेस्ट के ज़रिए भारत के लिए डेब्यू किया. बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते रांची टेस्ट से आराम दिया गया है. आकाश ने मिले मौके को अब तक तो बखूबी भुनाया है. 27 साल के इस खिलाड़ी ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में उतरते ही कमाल कर दिया। आकाश ने कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे को सही साबित किया और यादगार प्रदर्शन किया।

'बिहार के लाल' ने किया कमाल

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बिहार ( Bihar ) के सासाराम के रहने वाले आकाशदीप ने शुक्रवार 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। उन्होंने टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड के खिलाफ रांची के मैदान पर टेस्ट डेब्यू किया। एक समय पर रांची भी बिहार का हिस्सा था। ऐसे में कहा जा सकता है कि उनके यह डेब्यू और भी ज्यादा यादगार रहा। हालांकि, आकाश के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष के कई दौर देखे हैं।

बचपन से एक ही जुनून

आकाशदीप को क्रिकेट खेलने का शौक बचपन से था, लेकिन उनके पिता को लगता था कि गरीब परिवार के लोग इसमें बर्बाद हो जाते हैं और दूसरी नौकरी की तैयारी भी नहीं कर पाते, इसलिए वे
आकाश का सपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में उन्हें पिता ने हतोत्साहित किया, लेकिन आकाश को खुद पर भरोसा था। कहते हैं ना, जब खुद पर भरोसा हो तो ऊपरवला भी मदद करता है। आकाश
नौकरी खोजने के बहाने दुर्गापुर के लिए रवाना हुए और उनको अपने चाचा का समर्थन मिला। वह वहां एक लोकल एकेडमी में गए, जहां उन्हें अपनी रफ्तार वाली धारदार गेंदबाजी के लिए चुन लिया गया। अभी वो अपनी प्रैक्टिस आगे बढ़ा ही रहे थे कि साल 2015 में
पिता को दिल दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। दो महीने बाद उनके बड़े भाई का भी निधन हो गया। इस तरह वे बुरी तरह टूट गए।

जब सपना चकनाचूर हो गया

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अब हाल ये था कि घर में पैसे नहीं थे और आकाश को अपनी
बीमार मां की देखभाल भी करनी थी। इसके चलते उन्हें क्रिकेट छोड़कर घर चलाने के लिए छोटा मोटा काम शुरू करना पड़ा। यह
वह दौर था कि लगता था कि अब क्रिकेट का सपना हमेशा के लिए चकनाचूर हो गया है। ये दौर तीन साल चला। लेकिन कहते हैं ना कि जब किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उससे मिलाने के लिए साजिश करती है, यही आकाश के साथ भी हुआ। तीन साल बाद उनको फिर से क्रिकेट के सपने आने लगे। उन्होंने अपनी किस्मत को एक और मौका देने के लिए संघर्ष में कूदने की सोच ली। उन्हें एहसास हुआ कि उनका क्रिकेट का सपना इतना बड़ा था कि उसे जाया नहीं जाने दिया जा सकता था। वह दुर्गापुर लौट आए, और फिर वहां से कोलकाता चले गए, जहां उन्होंने एक छोटा कमरा किराए पर लिया और अपने चचेरे भाई के साथ रहने लगे। इसके बाद उनका क्रिकेट से नाता फिर से जुड़ा और वे आगे बढ़ते चले गए। वैसे
आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी करते देखना चाहते थे। उन्होंने कई परीक्षाएं भी दीं, लेकिन उनके मन में हमेशा क्रिकेट चल रहा था। पढ़ाई में उतना मन नहीं लगता था। वह क्रिकेट के लिए ज्यादा समय निकालते थे।
आकाश ने बताया कि बचपन में लोग उनको ताने मारते थे। यहां तक के दोस्तों के घर वाले भी क्रिकेट खेलने के लिए उनकी बुराई करते थे। उनको बिगड़ा हुआ कहते और अपने बच्चों को उनसे दूर रहने की
नसीहत दिया करते। वे कहते थे कि आकाश से दूर रहो। उसके संगत में रहकर बिगड़ जाओगे। हालांकि, आज कामयाबी के आसमान पर पहुंच चुके आकाश किसी के लिए बुरा नहीं सोचते।

पिता और भाई की मौत ने हिला डाला

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साल 2015 आकाश के लिए सबसे कठिन रहा, जब उन्होंने छह महीने के अंदर अपने पिता और भाई दोनों को खो दिया था। पिता का निधन स्ट्रोक के कारण हुआ था। वहीं, दो महीने बाद उनके भाई ने भी दुनिया छोड़ दी। लेकिन किस्मत ने फिर मौका दिया, और इसके लिए वो हमेशा अपने दोस्त का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने बताया कि दोस्त ने ही उन्हें बुरे समय में काफी मदद की। उसी दोस्त की मदद से आकाश को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला, लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी. आकाश दीप ने कहा, “मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था, लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी. इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था, जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे. इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था.” दुर्गापुर में चाचा ने भी काफी मदद की। उन्होंने आकाश को मुश्किलों से बाहर निकाला और क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में उनको बंगाल की अंडर-23 टीम में मौका मिला और जल्द ही उनको रणजी ट्रॉफी डेब्यू करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दिसंबर 2019 में उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और फिर 2022 में उनको आईपीएल में खेलने का मौका मिला। वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर यानी आरसीबी के लिए खेले और 2023 में भी वे टीम का हिस्सा थे। हालांकि, दो सीजन में उनको सात ही मैच खेलने को मिले, लेकिन 2024 में उन्होंने अब फरवरी के आखिरी में टेस्ट डेब्यू किया। अच्छी बात ये थी कि उन्होंने अपनी मां के सामने भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री से पहले आकाश ने बंगाल के लिए 30 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 104 विकेट लिए। लिस्ट ए के 28 मैचों में उनके नाम 42 विकेट हैं। वहीं, 41 टी 20 में उन्होंने 48 विकेट झटके हैं। आकाश आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के लिए खेलते हैं। उन्होंने टीम के लिए सात मैचों में छह विकेट लिए हैं। आकाश का संघर्ष उनको अब कभी झुकने नहीं देगा,. वे लगातार आगे ही बढ़ते जाएंगे।

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