Robotic Mule- चीन और पाकिस्तान के छक्केछुड़ाने वाले मशीनी सैनिक भारतीय सेना में !
Robotic Mule- चीन और पाकिस्तान के छक्केछुड़ाने वाले मशीनी सैनिक भारतीय सेना में !
Posted by Admin | 16 January, 2025

दुनिया भर में जब सेनाओं की ताकत की बात की जाती है तो चीन की आर्मी को हाइटेक माना जाता है, लेकिन सच्चाई ये है कि चीन की सेना ने 1962 के बाद आज तक कोई युद्ध लड़ा ही नहीं है। उस समय भारत नया नया आज़ाद हुआ था, उसके बाद भी भारतीय रणबांकुरों ने चीन सेना ( China Army) को कड़ा मुकाबला दिया था और आज टेक्नोलॉजी में भी भारतीय सेना, चीनी सेना को कड़ी टक्कर दे रही है। भारतीय सेना दिवस के दिन भारतीय सेना ( Indian Army) में रोबो आर्मी ( Robot Army) यानी मशीनी सैनिकों की तैनाती कर दी गई है।
ये डॉग की तरह दिखने वाले ये मशीनी रोबोट इस तरह से डिजाइन किए गए हैं, कि ऊंचे पहाड़ों पर तीस-चालीस किलो सामान लेकर चढ़ जाएं। इन रोबोट्स को Multi-Utility Legged Equipment कहा जाता है, संक्षेप में इनका नाम ‘रोबोटिक म्यूल्स’रखा गया है।
भारतीय सेना की वीरता और जांबाजी को सलाम करने का दिन है कि भारतीय सेना दिवस ( Indian Army Day) । इस बार आर्मी डे की परेड में पहली बार रोबोटिक म्यूल ( robotic mule) यानी रोबोट आर्मी के एक जत्थे को शामिल किया गया है। आर्मी ने इन्हें हाल ही में LAC पर तैनात किया है, जो माइनस 40 डिग्री तापमान में भी बखूबी काम कर रहे हैं। इनको फिलहाल रोबोटिक म्यूल्स नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि भारत ढोने और सर्विलांस का काम बखूबी कर रहे हैं। ये 30-40 किलो तक का वजन उठाकर 10 फीट ऊंचाई तक चढ़ने में सक्षम हैं।
दरअसल कुछ समय पहले चीन ने अपनी सेना में ऐसे ही रोबोट तैनात किए गए थे, उस समय भारतीय सेना को भी इसकी जरूरत का अहसास हुआ। इसके बाद सरकार ने फौरन सेना की ज़रूरत के हिसाब से ऑर्डर जारी किया और आज भारतीय सेना में 70 रोबोटिक म्यूल्स शामिल किए जा चुके हैं। ये रोबोटिक म्यूल्स आर्मी की ताकत को और भी बढ़ा रहे हैं। ऊंचाई वाले कठिन इलाकों में ये काफी मददगार हैं। परेड में इन रोबोटिक म्यूल्स के रहने से भारत की आर्मी की तकनीकी क्षमता का अहसास होता है।
रोबोटिक म्यूल पर मौसम बेअसर

इसकी पहाड़ पर सामान ढोने की उपयोगिता के चलते इसे रोबोटिक म्यूल यानी रोबोटिक खच्चर कहा जा रहा है। इनको किसी भी मौसम में काम पर लगाया जा सकता है। ये न केवल वजन ढो सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर दुश्मन पर गोलियों की बौछार भी कर सकते हैं। यानी अगर किसी चौकी पर आमने सामने मुठभेड़ हो जाए तो बिना जान जोखिम में डाले भारतीय सैनिक इसको मोर्चे पर आगे करके दुश्मन को खदेड़ सकती है।
भारतीय सेना ( Indian Army) ने इसको खरीदने के लिए इमरजेंसी डिमांड जारी की थी। इसके बाद सितंबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच 100 रोबोटिक खच्चर खरीदे गए थे। अभी इनकी तैनाती फॉरवर्ड एरिया में यानी एलएसी ( LAC) पर की गई है। यही पर चीन ने भी अपने रोबोटिक डॉग स्क्वाड ( robotic dog squad ) को तैनात किया हुआ है। यानी अब इस मामले में भारत की सेना चीन को टक्कर दे रही है।
चीनी पीएलए ( China PLA) ने वेस्टर्न थियेटर कमांड में अपने रोबोटिक डॉग को शामिल किया था। पीएलए ग्राउंड फोर्स के कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड के अभ्यास में भी रोबोटिक डॉग के कुछ वीडियो सामने आए थे। उस समय चीन को लग रहा था कि तकनीक के मामले में उसे कोई टक्कर नहीं दे पाएगा, लेकिन भारत ने आखिरकार उसे गलत साबित कर दिया। अब भारतीय सेना के लिए हाई एल्टिट्यूड में मददगार बन रहे हैं।
ये रिपोर्ट आप यंगिस्तानमें पढ़ रहे हैं.
क्या काम करेंगे मशीनी सैनिक ?

सेना अब तक ट्रांसपोर्टेशन के लिए घोड़ों, ऊंट और खच्चरों का इस्तेमाल करती थी, जो ऊंचाई वाली पोस्ट पर ज़रूरत का सामान पहुंचाया करते थे। अब धीरे-धीरे उनकी जगह इस तरह के रोबोट को लाया जा रहा है। 77वें थलसेना दिवस के मौके पर पहली बार ये म्यूल आम जनता को दिखाए गए। 12 रोबोटिक म्यूल ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सलामी भी दी। LAC की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रहना इंसानों के लिए चुनौती है, वहां काम करना तो और भी मुश्किल है। ऐसे में ये रोबोटिक म्यूल भारतीय सेना के मददगार साबित होंगे। फिलहाल भारतीय सेना के पास 70 रोबोटिक म्यूल की आर्मी है और जल्द ही इसको और बढ़ाया जाएगा। आगे चलकर इनमें क्या बदलाव करने हैं, इस पर भी रिसर्च चल रही है। फिलहाल लॉजिस्टिक ( Logistics ) और सर्विलांस ( surveillance) के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। ये म्यूल रिमोट से ऑपरेट किए जाते हैं। इनका रिमोट इनके हैंडलर या ऑपरेटर के पास होता है। जैसे-जैसे ऑपरेटर रिमोट के जरिए कमांड देता है, ये उसी तरह से काम करते हैं। वह दिन दूर नहीं, जब भारत की सेना में रोबोट की पूरी बटालियन होगी।

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