Republic Day 2025- बॉलीवुड की इन फिल्मों ने की संविधान की बात तो क्यों हो गया विवाद ?
Posted by Admin | 26 January, 2025

आज 26 जनवरी को हम सभी भारतवासी 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर पूरे देश में हर्ष और उल्लास का वातावरण है। 26 जनवरी ( Republic Day) 1950 – भारत के इतिहास का वह दिन, जब हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। आज देश के इस गौरवशाली दिवस पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्यपथ पर शानदार परेड निकाली गई। हमारे वीर जवानों ने अपने शौर्य और पराक्रम का बेहतरीन प्रदर्शन किया। परेड के दौरान राज्यों की झांकियां आकर्षण का केन्द्र थीं तो साथ ही राफेल, प्रलय, आकाश, नाग, सुखोई, अपाचे, चिनूक जैसी मिसाइलें देखकर हिन्दुस्तानी गर्व का अनुभव कर रहे थे।
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बॉलीवुड की देशभक्ति
वैसे देश भक्ति और संविधान की बात आती है तो बॉलीवुड ( Bollywood) भी इसमें पीछे नहीं रहा। हम आपको बॉलीवुड की उन फिल्मों के बार में बताते हैं, जिनमें हमारे संविधान को शामिल किया गया है। उनकी कहानी संविधान के कुछ अनुच्छेदों के आसपास बुनी गई।
फिल्म ‘आर्टिकल 370’ में संविधान की बात

सबसे पहले संविधान पर बनी फिल्म आर्टिकल 370 ( Article 370 ) की बात करते हैं। यामी गौतम ( Yami Gautam ) अभिनीत ये फिल्म जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की पड़ताल करती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस गोपनीयता और रणनीति के जरिए मोदी सरकार ने ये काम किया। देश में कई राजनीतिक दल कश्मीर से धारा 370 हटाने की बात का विरोध करते रहे। कश्मीर की सियासी पार्टियों ने ख़ून की नदियां बह जाएंगी, जैसे ऐलान कर रखे थे, लेकिन सरकार ने किस तरह से पूरी रणनीति तैयार की और बिना किसी हिंसा के ये काम हो गया। आज चुनाव के बाद कश्मीर में चुनी हुई सरकार और माहौल भी शांतिपूर्ण है।
इसी तरह फिल्म हैदर ( Haider ) में भी कश्मीर की हालत पर चर्चा की गई थी और फिल्म‘अफस्पा‘ को लेकर बात की गई थी। फिल्म में शाहिद कपूर( shahid kapoor),तब्बू (tabbu) और केके मेनन ने अहम किरदार निभाया था। फिल्म हैदर को साल 2015 में हुए 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में पांच पुरस्कार मिले थे।
फिल्म ‘आरक्षण’ में उठा ज्वलंत मुद्दा

2011 में रिलीज हुई फिल्म आरक्षण ( Aarakshan movie)संविधान में दिए आर्टिकल 16 – यानी अनुच्छेद 16 पर आधारित है। प्रकाश झा ( Prakash Jha) के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में सामाजिक और धार्मिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए देश के सार्वजनिक क्षेत्र में अपनाई जाने वाली आरक्षण प्रणाली की अवधारणा को दिखाया गया है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण, तन्वी आजमी, प्रतीक बब्बर और मनोज बाजपेयी जैसे सितारे हैं।
फिल्म ‘अलीगढ़’ में समलैंगिकों के अधिकार

2016 में मनोज वाजपेयी ( Manoj Vajpai) की फिल्म अलीगढ़ ( Aligarh) रिलीज हुई थी। लीक से हटकर बनी इस फिल्म ‘अलीगढ़‘ में धारा 377 ( Article 377) की बात की गई। समलैंगिकों के अधिकार के लिए बनी धारा 377 की बात करना बोल्ड विषय माना गया। फिल्म में मनोज वाजपेयी ने एक एलजीबीटीक्यू ( LGBTQ) कम्यूनिटी के शख्स का किरदार निभाया था। पहली बार पर्दे पर किसी बड़े कलाकार ने इतने संवेदनशील विषय को पर्दे पर उकेरा था।
‘न्यूटन’ में वोटिंग के हक़ की बात

इसी तरह वोटिंग के अधिकार की बात पिछले कुछ समय से लगातार की जा रही है। इसी पर आधारित साल 2017 में एक फिल्म आई थी- न्यूटन ( Newton) । शानदार एक्टर राजकुमार राव ( Rajkumar Rao ) अभिनीत इस फिल्म में संविधान के अहम अधिकार यानी वोटिंग के अधिकार पर बात की गई। इस फिल्म में राजकुमार राव को एक नक्सली इलाके में वोटिंग की जिम्मेदारी दी जाती है और राजकुमार राव वोटिंग करवाने के लिए सुरक्षा बलों से भी भिड़ जाते हैं। ‘न्यूटन‘ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला। इसी में अभिनय के लिए पंकज त्रिपाठी को स्पेशल अवॉर्ड दिया गया है।
हमारे देश में भेदभाव की बहुत शिकायत होती है। संविधान का आर्टिकल 15 साफ कहता है कि राज्य अपने किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं कर सकता है। इसी पर आधारित 2019 में एक फिल्म आई थी- आर्टिकल-15। आयुष्मान खुराना अभिनीत इस फिल्म में यही बात जोरदार तरीके से कही गई कि सरकार अपने किसी नागरिक के साथ केवल धर्म, जाति, लिंग, नस्ल और जन्म स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकती है। दुष्कर्म के एक केस के बहाने बुनी गई कहानी जब विस्तार लेती है तो अपने फलक पर बड़े बड़े सवाल खडे करती है।
‘सेक्शन 375’ में रेप पर ‘बवाल’

2019 में ही एक फिल्म आई थी सेक्शन 375। ऋचा चड्ढा ( Richa Chaddha) और अक्षय खन्ना ( Akshay Khanna) की इस फिल्म ने भी बड़े सवाल उठाए थे। कोर्ट रूम ड्रामा के जरिए भारतीय दंड संहिता की धारा 375 को लेकर बनाए गए कन्फ्यूजन को ये फिल्म साफ करने की कोशिश करती है। धारा 375 के अनुसार अगर कोई पुरुष 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ उसकी सहमति से भी संबंध बनाता है, तो यह दुष्कर्म ही माना जाएगा, क्योंकि नाबालिग लड़की इस उम्र में अपना सही या ग़लत समझ सकते की काबिलियत नहीं रखती है। फिल्म में सेक्शन के गलत इस्तेमाल को लेकर भी बहस हुई।
‘420आईपीसी’ में धोखे की पड़ताल

साल 2021 में एक्टर विनय पाठक, ( Vinay Pathak ) गुल पनाग, रणवीर शौरी और आरिफ जकारिया जैसे कलाकारों की एक फिल्म आई थी 420 आईपीसी ( 420 IPC ) । कॉमेडी और सस्पेंस वाली इस फिल्म सिनेमा के कानूनी ड्रामा पर बेस्ड थी। इसमें एक मिडिल क्लास इंसान की कहानी दिखाई गई है, जिस पर पैसे की हेराफेरी करने का आरोप लग जाता है। अपने बचाव में वो संविधान की कौन सी धाराओं का इस्तेमाल करता है और कानून क्या कहता है, ये फिल्म हल्के फुल्के अंदाज में बयां करती है।

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