बॉलीवुड की हॉटस्टार, टॉपलेस फोटो और डॉन से रिश्ता, अब महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी की पूरी कहानी
Posted by Admin | 25 January, 2025

बॉलीवुड में 90 के दशक की हॉट और विवादित एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ( Mamta Kulkarni) अब प्रयागराज के महाकुंभ में आकर महामंडलेश्वर बन गई हैं। 54 साल की ममता 24 साल बाद भारत लौंटी । 90 के दशक में उन्होंने बड़े बड़े एक्टर्स के साथ काम किया था। लेकिन टॉपलेस फोटो शूट, माफिया डॉन छोटा शकील से रिश्ते और ड्रग्स तस्करी जैसे आरोपों के बाद वे गायब हो गईं.
आपने फिल्म चाइना गेट का सेक्सी गाना ‘राणा जी, माफ करना.. ‘ज़रूर सुना होगा, उसमें मदहोश कर देने वाला डांस एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी का ही थाl मराठी ब्राह्मण परिवार की ये लड़की इतनी खूबसूरतथी कि उस समय बड़े बड़े बॉलीवुड स्टार ( bollywood star) उसके करीब आना चाहते थेl लेकिन विवादों ने उनका कॅरिअर खत्म कर दियाl फिर अचानक वे गायब हो गईंl
साल 2014 में ममता अपनी आत्मकथा ‘ऑटोबायोग्राफी बाय योगिनी’ ( Autobiography by Yogini) के साथ दुनिया के सामने आईं। इस किताब को लॉन्च करते हुए उन्होंने अपने बारे में कई बातों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह कभी फिल्मों में आना ही नहीं चाहती थीं, बल्कि अपनी मां की मर्जी के आगे मजबूर होकर उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखा था, जो उनकी सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने इस बात का खुलासा भी किया कि फिल्मों से दूर होने के बाद उन्होंने अध्यात्म अपना लिया और अब साध्वी का जीवन व्यतीत कर रही हैं। लेकिन लोगों को इस बात पर ज़्यादा यकीन नहीं आयाl आखिर माफिया डॉन छोटा शकील से रिश्ता और ड्रग्स तस्करी में बदनाम ममता को अचानक साध्वी कौन मान लेताl वैसे भी बॉलीवुड वाले चर्चा में आने के लिए एक से एक ड्रामा करते ही रहते हैंl
ग्लैमर डॉल से अध्यात्म तक का सफर

90 के दशक की मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने बॉलीवुड में जितनी तेजी से सफलता की ऊंचाईयां छुईं, उतनी ही तेजी से विवादों और ग्लैमर से दूर होकर उन्होंने एक साध्वी का जीवन अपना लिया। यह कहानी है मुंबई के एक साधारण मराठी परिवार ( Marathi Family) से आई उस लड़की की, जो पहले बॉलीवुड की चमकती हुई स्टार बनी और फिर ग्लैमर को त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़ी।
बचपन और शुरुआती जीवन

ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई के एक मध्यमवर्गीय मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता मुकुंद कुलकर्णी सरकारी कर्मचारी थे और मां एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। ममता की दो बहनें, मिथिला और मोलिना, भी उनके परिवार का हिस्सा थीं। ममता ने अपनी पढ़ाई मुंबई के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल ( saint Joseph Convent School) से पूरी की।
बताया जा रहा है कि बचपन से ही ममता का झुकाव अध्यात्म की ओर था, जिसे उन्होंने अपनी मां से सीखा। हालांकि, उन्होंने कभी अभिनेत्री बनने का सपना नहीं देखा था। किस्मत उन्हें इस ओर खींच लाई, और वह 90 के दशक की सबसे चर्चित अभिनेत्रियों में शामिल हो गईं। वो इतनी खूब सूरत थी थीं, उनका ज़्यादा मेकअप भी नहीं करना पड़ता था.
बॉलीवुड में एंट्री

ममता ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1992 में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘तिरंगा’ (Tiranga)से की। नाना पाटेकर के हिट डायलॉगइस फिल्म की जान थेl
इस फिल्म में ममता की अदाकारी को भी खूब सराहा गया। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं, जिनमें शाहरुख़- सलमान की’करण अर्जुन, ( Karan Arjun)’ ‘आशिक आवारा,’ ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी,’ ‘क्रांतिवीर,’ और ‘छुपा रुस्तम’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
फिल्म ‘करण अर्जुन’ में शाहरुख खान और सलमान खान के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। ममता की खूबसूरती और अभिनय ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।
विवादों से ममता का रिश्ता

जितनी तेजी से ममता ने कामयाबी हासिल की, उतनी ही तेजी से वह विवादों में भी घिर गईं। साल 1993 में ममता ने स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी। उस दौर में ऐसा फोटोशूट समाज में बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल थाl ममता को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्हें 15,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा, और इस हरकत के कारण उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिलीं।
इसके अलावा, ममता का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील Under world Don (Chhota Shakeel) और ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी के साथ जोड़ा गया। कहा जाता है कि ममता का करियर अंडरवर्ल्ड की वजह से आगे बढ़ा। उनको कई फिल्में इनके ही फोन के कारण मिलींl हालांकि, ममता ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया।
गुमनामी की ओर कदम

साल 1999 में ममता ने बॉलीवुड से दूरी बना ली। 2002 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म ‘कभी तुम कभी हम’ की। इसके बाद वह पूरी तरह से गुमनाम हो गईं।
साल 2014 में ममता ने अपनी आत्मकथा ‘ऑटोबायोग्राफी बाय योगिनी’ ( Autobiography by Yogini) लिखी, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि वह बॉलीवुड में अपनी मां के कहने पर आई थीं, और यह उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी। फिल्मों से दूर होने के बाद ममता ने अध्यात्म का मार्ग अपना लिया।
महामंडलेश्वर बनने तक का सफर

2025 में, ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के महाकुंभ ( MahaKumbh) में आकर गृहस्थ जीवन का त्याग किया और किन्नर अखाड़े में दीक्षा लेकर महामंडलेश्वर की उपाधि धारण की। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता को दीक्षा दी और उन्हें नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि दिया।
महामंडलेश्वर बनने का यह सफर आसान नहीं था। बताते हैं किइसके लिए ममता ने लंबे समय तक कठोर तप और साधना की।
ममता कुलकर्णी बदल गईं ?

आज ममता कुलकर्णी अपने अतीत से पूरी तरह अलग जीवन जी रही हैं। उन्होंने शादी नहीं की और अब अध्यात्म में लीन हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया ( Socisl Media)पर सक्रिय रहती हैं और अपने अनुभव साझा करती हैं।
ममता कुलकर्णी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि इंसान का जीवन किसी भी मोड़ पर नया अर्थ ले सकता है। वह न केवल बॉलीवुड की एक सफल अभिनेत्री थीं, बल्कि अब एक अध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में भी लोगों के दिलों में अपनी जगह बना रही हैं।
ममता कुलकर्णी का जीवन संघर्ष, विवाद, सफलता और आत्मज्ञान का एक अनूठा मिश्रण है। उनका सफर यह साबित करता है कि चाहे जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, इंसान अगर चाहे तो अपनी राह बदल सकता है। ममता की कहानी एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाती है कि वास्तविक शांति और सुख ग्लैमर और प्रसिद्धि में नहीं, बल्कि आत्मा की शांति में है।

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