Hotwifing का नया ट्रेन्ड मेट्रो सिटीज में क्यों ज़ोर पकड़ने लगा ? ‘अपनी बीवी’ दूसरों को ‘सौंपकर’ खुशी महसूस करने वाले ये मर्द कौन हैं ?
Posted by Admin | 23 June, 2025
New Sex Trend in Metros- हॉटवाइफिंग (Hotwifing) आजकल भारत (India) के मेट्रो सिटीज (Metro Cities) में एक नया और चर्चित सेक्स ट्रेंड (Sex Trend) बनकर उभर रहा है। यह एक तरह की सहमति आधारित नॉन-मोनोगैमी (Consensual Non-Monogamy) है, जिसमें पति अपनी पत्नी (Wife) को दूसरे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध (Physical Relationship) बनाने की आजादी दे रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि कई बार इसमें खुद भी शामिल होकर डबल मज़ा ले रहे हैं। यह ट्रेंड उन कपल्स (Couples) के बीच पॉपुलर हो रहा है जो अपनी सेक्स लाइफ (Sex Life) में नएपन और रोमांच (Excitement) की तलाश में हैं। कुछ लोग इसे शादीशुदा जिंदगी (Married Life) में स्पार्क लाने का तरीका मानते हैं, तो कुछ के लिए यह जलन (Jealousy) और कन्फ्यूजन (Confusion) का कारण भी बनता है।
वैसे हॉटवाइफिंग कोई बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन भारत जैसे पारंपरिक समाज में इसका उभरना चौंकाने वाला है। यह ट्रेंड पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और यूरोप, में पहले से मौजूद था, और अब ग्लोबलाइजेशन और इंटरनेट के जरिए भारत के बड़े शहरों में अपनी जगह बना रहा है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, और कोलकाता जैसे मेट्रो सिटीज में यह ट्रेंड तेजी से फैल रहा है, जहां लोग खुली सोच और निजी आजादी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह ट्रेंड इतना पॉपुलर क्यों हो रहा है? कौन हैं वो पुरुष जो अपनी बीवी को दूसरों के साथ “साझा” करके खुशी महसूस करते हैं? और इसके पीछे का मनोविज्ञान क्या है? आइए, इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं।
क्या है Hotwifing?
Hotwifing एक ऐसा तरीका है, जिसमें समाज के नियमों की परवाह न करते हुए पति अपनी पत्नी को, उसकी सहमति से, दूसरे पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने की आजादी दे रहे हैं। इसकी खास बात यह है कि यह सब आपसी सहमति और विश्वास के आधार पर होता है। पति न सिर्फ इसकी इजाजत देता है, बल्कि कई बार वह इसमें शामिल भी होता है, या फिर अपनी पत्नी के अनुभवों को सुनकर या देखकर खुशी महसूस करता है। यह मोनोगैमी यानी एकपत्नीव्रत से अलग है, जिसमें कपल सिर्फ एक-दूसरे के साथ ही इंटिमेट होते हैं। हॉटवाइफिंग नॉन-मोनोगैमी का हिस्सा है, जिसमें कपल कई रोमांटिक या सेक्शुअल पार्टनर्स के साथ रिश्ते रख सकते हैं। हैरानी की बात ये है कि मेट्रो शहरों में ये ट्रेन्ड सोशल मीडिया के ज़रिए जोर पकड़ने लगा है।
हॉटवाइफिंग की शुरुआत
हॉटवाइफिंग की जड़ें पश्चिमी देशों में मिलती हैं। 1970 और 1980 के दशक में अमेरिका में स्विंगिंग और ओपन मैरिज ( open marriage ) जैसे कॉन्सेप्ट्स पॉपुलर हुए, जिनसे hotwifing का विकास हुआ। इंटरनेट और सोशल मीडिया ( social media ) के आने के बाद यह ट्रेंड और फैला। रेडिट, टिकटॉक, और खास तौर पर कुछ प्राइवेट ऑनलाइन कम्युनिटीज में हॉटवाइफिंग पर खुलकर चर्चा होने लगी। भारत में यह ट्रेंड 2010 के बाद धीरे-धीरे आया, जब ग्लोबलाइजेशन और डिजिटल क्रांति ने लोगों की सोच को बदला। खासकर मेट्रो सिटीज में, जहां लोग पश्चिमी संस्कृति से ज्यादा प्रभावित हैं, हॉटवाइफिंग ने अपनी जगह बनानी शुरू की। 2025 आते आते नए ज़माने के कपल्स की बड़ी तादाद इसकी ओर आकर्षित होने लगी है।
यह ट्रेंड सबसे पहले मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में देखा गया। इन शहरों में हाई-प्रोफाइल प्रोफेशनल्स, आईटी सेक्टर के लोग, और अमीर तबके के बीच यह ज्यादा पॉपुलर है। बेंगलुरु और कोलकाता भी पीछे नहीं हैं। इन शहरों में प्राइवेट क्लब्स, ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स, और खास कम्युनिटीज के जरिए कपल्स हॉटवाइफिंग को आजमा रहे हैं। कुछ कपल्स इसे अपनी सेक्स लाइफ में नयापन लाने के लिए चुनते हैं, तो कुछ इसे स्टेटस सिंबल की तरह देखते हैं।
मेट्रो सिटीज में हॉटवाइफिंग?
मेट्रो सिटीज में हॉटवाइफिंग के पॉपुलर होने की कई वजहें हैं। पहली वजह है खुली सोच। बड़े शहरों में लोग पारंपरिक रिश्तों से हटकर नए प्रयोग करने को तैयार हैं। दूसरी वजह है सेक्शुअल बोरडम ( sexual bordome)। लंबे समय तक एक ही पार्टनर के साथ रहने से कुछ कपल्स की सेक्स लाइफ में एकरसता आ जाती है। हॉटवाइफिंग उनके लिए एक नया रोमांच लेकर आता है। तीसरी वजह है डिजिटल प्लेटफॉर्म्स। रेडिट और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग अपने अनुभव शेयर करते हैं, जिससे दूसरों को भी इसे आजमाने की प्रेरणा मिलती है।
चौथी वजह है आर्थिक आज़ादी। मेट्रो सिटीज में ज्यादातर कपल्स डबल-इनकम वाले होते हैं, और उनकी लाइफस्टाइल में पैसा और लग्जरी अहम रोल खेलते हैं। कुछ कपल्स हॉटवाइफिंग को एक तरह की लग्जरी या स्टेटस सिंबल मानते हैं। पांचवीं वजह है पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव। हॉलीवुड फिल्में, वेब सीरीज, और पॉर्न इंडस्ट्री ने भी हॉटवाइफिंग को ग्लैमराइज किया है, जिससे लोग इसे कूल मानने लगे हैं।
Hotwifing में पुरुष क्या करते हैं?
हॉटवाइफिंग में पुरुष अपनी पत्नी की सहमति से कई तरह की गतिविधियां करते हैं। कुछ पति अपनी पत्नी को दूसरे पुरुषों के साथ डेट पर जाने की इजाजत देते हैं, और बाद में उनके अनुभव सुनकर खुशी महसूस करते हैं। कुछ पति खुद मौजूद रहते हैं और अपने पार्टनर के सेक्शुअल एनकाउंटर्स को देखते हैं। कुछ मामलों में पति और पत्नी मिलकर तीसरे पार्टनर को चुनते हैं, और यह सब एक प्लान्ड तरीके से होता है।
कई बार Hotwifing में रोल-प्ले भी शामिल होता है। मिसाल के तौर पर, पति अपनी पत्नी को किसी और के साथ “शेयर” करने का ड्रामा क्रिएट करता है, जो उनकी सेक्स लाइफ में रोमांच लाता है। कुछ कपल्स प्राइवेट पार्टियों या स्विंगर क्लब्स में जाते हैं, जहां वे दूसरे कपल्स के साथ पार्टनर स्वैप करते हैं। लेकिन हर मामले में सहमति और विश्वास सबसे जरूरी होता है। बिना सहमति के यह ट्रेंड रिश्ते को बर्बाद कर सकता है।
इन पुरुषों का मनोविज्ञान क्या है
हॉटवाइफिंग को अपनाने वाले पुरुषों के मनोविज्ञान को समझना जरूरी है। कुछ पुरुषों के लिए यह गर्व की बात होती है। जैसे एक पति ने कहा, “यह वैसा है जैसे अपनी शानदार कार किसी को चलाने देना।” उन्हें अपनी पत्नी की खूबसूरती और आकर्षण पर फख्र होता है, और वे उसे दूसरों के साथ “शेयर” करके एक अजीब तरह की खुशी महसूस करते हैं।
कई बार यह ट्रेंड सेक्शुअल बोरडम से निकलता है। लंबे समय तक एक ही पार्टनर के साथ रहने से कुछ पुरुषों की सेक्स लाइफ में नयापन खत्म हो जाता है। हॉटवाइफिंग उनके लिए एक नया अनुभव लेकर आता है। कुछ पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या प्रीमेच्योर इजैक्युलेशन की समस्या होती है, जिसके कारण वे अपनी पत्नी को सेक्शुअली संतुष्ट नहीं कर पाते। ऐसे में वे हॉटवाइफिंग को एक रास्ता मानते हैं, ताकि उनकी पत्नी की जरूरतें पूरी हों और उनका रिश्ता बचा रहे।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हॉटवाइफिंग में पुरुषों को एक तरह का “कंपर्शन” (प्रतिस्पर्धा का आनंद) महसूस होता है। वे अपनी पत्नी को दूसरे पुरुषों के साथ देखकर उत्तेजना महसूस करते हैं। यह एक तरह का कामुक फंतासी है, जो उनके लिए सेक्शुअल टेंशन पैदा करता है। लेकिन यह तभी काम करता है जब रिश्ते में गहरा विश्वास और खुली बातचीत हो। बिना इसके, यह ट्रेंड जलन, शक, और रिश्ते के टूटने का कारण बन सकता है।
भारत में हॉटवाइफिंग के जोखिम
भारत जैसे देश में हॉटवाइफिंग के अपने जोखिम हैं। पहला जोखिम है सामाजिक दबाव। हमारे समाज में शादी को पवित्र माना जाता है, और नॉन-मोनोगैमी को अभी तक पूरी तरह स्वीकार नहीं किया गया है। अगर किसी को इस ट्रेंड के बारे में पता चल जाए, तो परिवार और दोस्तों की निंदा का सामना करना पड़ सकता है। दूसरा जोखिम है भावनात्मक। कई बार पति या पत्नी को जलन या असुरक्षा महसूस होने लगती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है।
तीसरा जोखिम है कानूनी। भारत में व्यभिचार को लेकर कानून पहले की तुलना में ढीले हुए हैं, लेकिन अगर हॉटवाइफिंग में सहमति नहीं होती, तो यह रिश्ते के लिए खतरा बन सकता है। चौथा जोखिम है सेक्स हेल्थ से जुड़ा। कई पार्टनर्स के साथ संबंध बनाने से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हॉटवाइफिंग को अपनाने वाले कपल्स को सेफ्टी का पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मनोवैज्ञानिक और सेक्स थेरैप्सिट्स का मानना है कि हॉटवाइफिंग तभी सक्सेसफुल हो सकती है, जब कपल के बीच गहरा विश्वास और खुली बातचीत हो। मुंबई की साइकोथेरैपिस्ट रितिका मुखर्जी कहती हैं कि यह ट्रेंड तभी काम करता है, जब दोनों पार्टनर एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं। अगर किसी एक की भी शामिल नहीं है, तो यह रिश्ते को बर्बाद कर सकता है।
इसी तरह डॉ. वैभव अवस्थी का कहना है कि हॉटवाइफिंग रिश्ते में रोमांच और टेंशन लाता है, लेकिन इसके लिए कपल्स को पहले अपनी भावनाओं और सीमाओं पर खुलकर बात करनी चाहिए। प्रियंका कपूर कहती हैं कि कुछ पुरुष अपनी पत्नी को “टू हॉट” मानते हैं और उसे एक्सक्लूसिव नहीं रखना चाहते। लेकिन यह ट्रेंड हर किसी के लिए नहीं है। कुछ कपल्स इसे आजमाने के बाद पछताते हैं, क्योंकि वे जलन या कन्फ्यूजन को हैंडल नहीं कर पाते।
हॉटवाइफिंग भारत के मेट्रो सिटीज में एक नया और विवादास्पद ट्रेंड है। यह उन कपल्स के बीच पॉपुलर है जो अपनी सेक्स लाइफ में नयापन चाहते हैं। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, और कोलकाता जैसे शहरों में यह तेजी से फैल रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे खुली सोच, सेक्शुअल बोरडम, और पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव। लेकिन इसके साथ जोखिम भी हैं, जैसे सामाजिक दबाव, भावनात्मक तनाव, और सेक्स हेल्थ से जुड़े खतरे।
हॉटवाइफिंग को अपनाने वाले पुरुषों का मनोविज्ञान जटिल है। कुछ के लिए यह गर्व और रोमांच की बात है, तो कुछ के लिए सेक्शुअल बोरडम या शारी प्रॉक्तिक्स से निपटने का तरीका है। लेकिन इस ट्रेंड की कामयाबी का आधार है आपसी सहमति और विश्वास। अगर ये नहीं है, तो यह रिश्ते को खतरे में डाल सकता है। हॉटवाइफिंग हर किसी के लिए नहीं है, और इसे अपनाने से पहले कपल्स को अच्छी तरह सोच-विचार करना चाहिए।



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