Chandrika Tondon- अरबपति बिजनेस वुमैन, पेप्सिको की सीईओ रहीं इंद्रिया नूयी बहन और अब भारतीय वैदिक संगीत के दम पर ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर ‘तहलका’ मचाने वालीं चंद्रिका टंडन की पूरी कहानी
Posted by Nirmal | 3 February, 2025

67th Annual Grammy Awards- संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड ग्रैमी जीतने हर संगीतकार का सपना होता है। इसलिए लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो डॉट कॉम एरिना में 67वें ग्रैमी अवॉर्ड्स (Grammy Awards) के विजेता के तौर पर जब भारतीय मूल की चंद्रिका टंडन का पुकारा गया तो ये दुनिया जीतने जैसा था। भारतीय मूल की अमेरिकी 71 साल की चंद्रिका टंडन के एलबम “त्रिवेणी” को “बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट ऑर चैंट एल्बम” श्रेणी में मिली यह जीत भारतीय संगीत और वैदिक परंपरा के लिए एक नई गर्वीली पहचान लेकर आई। 71 साल की चंद्रिका (Chandrika Tondon ) ने अपने एल्बम को “आंतरिक उपचार का माध्यम” बताया, जो लोगों को ध्यान और शांति की यात्रा पर ले जाता है। इस अलबम में उनके साथ दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी वादक वाउटर केलरमैन और जापानी सेलो पर इरु मात्सुमोतो रहे। यंगिस्तान डॉट को डॉट इन की ओर से इस उपलब्धि पर ढेरों बधाइयां।
वैसे काफी कम लोगों को पता होगा कि अरबपति कारोबारी चंद्रिका टंडन, पेप्सिको (PepsiCo ) की पूर्व सीईओ इंद्रा नूयी की बड़ी बहन हैं। ग्लोबल बिजनेस लीडर्स की लिस्ट में शामिल चंद्रिका म्यूजिशियन होने के साथ एंटरप्रेन्योर भी रह चुकी हैं। साल 2011 में एल्बम ‘सोल कॉल’ (soul call)के लिए भी उन्हें बेस्ट कंटेंपरेरी वर्ल्ड म्यूजिक एल्बम कैटिगरी में नॉमिनेशन मिला था। ये उनका पहला स्टूडियो एल्बम था। चंद्रिका चेन्नई में पली-बढ़ीं और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद अमेरिका के बिजनेस और संगीत दोनों में धूम मचा दी।
ग्रैमी अवॉर्ड जीतने के बाद उन्होंने रिकॉर्डिंग एकेडमी से कहा, ‘इस कैटेगरी में हमारे पास बहुत अच्छे नॉमिनेशन थे. इसलिए अवॉर्ड जीतना हमारे लिए बड़ी बात है। हमारे साथ जो म्यूजिशियन नॉमिनेट हुए थे वो सभी शानदार हैं। ‘ चंद्रिका टंडन को अवॉर्ड फंक्शन में एथनिक अटायर में देखा गया।
जन्म और परिवार की पृष्ठभूमि

चंद्रिका कृष्णमूर्ति टंडन ( Chandirka Krishnamurti Tondon) का जन्म चेन्नई में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता श्रीनिवासन कृष्णमूर्ति बैंकर थे, जबकि उनकी मां श्यामला कृष्णमूर्ति एक शास्त्रीय संगीत गायिका थीं। इस कारण घर में कर्नाटकी संगीत ( karnataka Music ), सामवेद के मंत्र और सांस्कृतिक चर्चाओं का माहौल हमेशा बना रहता था। चंद्रिका, पेप्सिको ( Pepsico) की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई ( Indra Nooyi ) की बड़ी बहन हैं, और दोनों बहनों ने संगीत और शिक्षा के प्रति अपने परिवार की परंपराओं को आगे बढ़ाया।
बचपन और पढ़ाई – ( Childhood and education )
चंद्रिका ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज (Madras Christian College) से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की और इसके बाद IIM अहमदाबाद से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की डिग्री हासिल की। महज 24 साल की उम्र में, उन्हें मैकिन्से एंड कंपनी में नौकरी मिली, जहाँ वह पार्टनर बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला बनीं।
कैरियर में उड़ान- मैकिन्से से टंडन कैपिटल तक

1980 के दशक में चंद्रिका ने मैकिन्से में कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी और फाइनेंस पर काम किया। उनकी एक्सपर्टीज कंपनियों के रीस्ट्रक्चरिंग(restructuring) और मर्जर-अक्विजिशन में थी। यहाँ उन्होंने Fortune 500 कंपनियों के साथ काम करके अपनी छाप छोड़ी।
अपनी कंपनी टंडन कैपिटल एसोसिएट्स खड़ी की

1992 में, उन्होंने न्यूयॉर्क में टंडन कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना की, जो कॉर्पोरेट रीस्ट्रक्चरिंग और प्राइवेट इक्विटी(private equaity) में माहिर है। ये फर्म आज भी वैश्विक स्तर पर सक्रिय है।
शादी, पति, बच्चे, कैरियर

चंद्रिका ने कामयाब कारोबारी निवेशक रंजन टंडन के साथ लव मैरिज की। दोनों ने मिलकर 2015 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के टैंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया, जो उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। चंद्रिका और रंजन की दो बेटियाँ हैं: मीरा और प्रिया। दोनों ने अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की और वर्तमान में कॉर्पोरेट सेक्टर में कार्यरत हैं।
चंद्रिका की संगीतमय यात्रा: वैदिक मंत्रों से ग्रैमी तक

चंद्रिका ने बचपन में ही शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। उनके गुरु मशहूर शास्त्रीय गायिका शुभ्रा गुहा और गिरीश वज़लवार रहे। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ पश्चिमी संगीत की बारीकियों को भी समझा।
एल्बम और ग्रैमी नॉमिनेशन
· 2010: ओम नमो नारायण: सोल कॉल – पहला एल्बम, जिसे ग्रैमी के लिए नॉमिनेशन मिला।
· 2025: त्रिवेणी – यह एल्बम तीन नदियों (गंगा, यमुना, सरस्वती) के संगम से प्रेरित है। इसमें वैदिक मंत्रों को दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी (वाउटर केलरमैन) और जापानी सेलो (इरु मात्सुमोतो) के साथ मिलाया गया।
ग्रैमी जीत के बाद का भाषण
चंद्रिका ने कहा, “संगीत प्रेम है, यह हमारे अंदर का प्रकाश जगाता है। मैं इस पुरस्कार को अपने सहयोगियों और भारतीय संस्कृति को समर्पित करती हूँ”।
अन्य नामांकित भारतीय कलाकार

· अनुष्का शंकर (सितार वादक) – 11वीं बार नामांकित, लेकिन पुरस्कार नहीं मिला।
· रिकी केज – “Break of Dawn” एल्बम के लिए नामांकित।
· राधिका वेकारिया – “Warriors of Light” एल्बम के लिए नॉमिनी।
चंद्रिका टंडन की विरासत

· व्यवसाय में: McKinsey और टंडन कैपिटल के माध्यम से कॉर्पोरेट जगत में महिला नेतृत्व को मजबूती।
· संगीत में: वैदिक परंपरा को वैश्विक पटल पर स्थापित करना।
· परोपकार: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में 100 मिलियन डॉलर से अधिक का दान।
चंद्रिका टंडन ने साबित किया कि व्यवसाय और संगीत एक साथ चल सकते हैं। उनकी सफलता भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणा है। “त्रिवेणी” की जीत न केवल एक एल्बम की जीत है, बल्कि भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक है।
लेखक:निर्मल ( youngistan.co.in)
· अनुष्का शंकर (सितार वादक) – 11वीं बार नामांकित, लेकिन पुरस्कार नहीं मिला।
· रिकी केज – “Break of Dawn” एल्बम के लिए नामांकित।
· राधिका वेकारिया – “Warriors of Light” एल्बम के लिए नॉमिनी।

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