Career Options: 12वीं पास करने के बाद IIT और मेडिकल कॉलेज की पूरी डिटेल्स जान लो, और क्या क्या ऑप्शन्स हैं?
Posted by Admin | 6 May, 2025

आजकल जब भी साइंस स्ट्रीम के स्टूडेन्ट से पूछो कि आगे चलकर क्या करना चाहते हो तो वह बताता है डॉक्टर या इंजीनियर। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद बड़ी संख्या में युवा अपना सपना पूरा नहीं कर पाते। इसका क्या कारण है, आइये समझते हैं।
वैसे बोर्ड्स के 12वीं क्लास के रिजल्ट आ चुके हैं और स्टूडेन्ट्स को तय करना है कि आगे उन्हें क्या करना है ? इनमें से बड़ी संख्या में स्टूडेन्ट तो आईआईटी या एमबीबीएस में ही जाना चाहते हैं। लेकिन आप समझ लीजिए कि आईआईटी या एमबीबीएस में एडमिशन इसलिए इतना आसान नहीं है, क्योंकि सीटें बहुत कम हैं, जबकि स्टूडेन्ट्स बहुत ज़्यादा।
आईआईटी का क्रेज इतना क्यों ?

दरअसल आईआईटी से डिग्री लेने वालों को देश-विदेश में बहुत अच्छे सैलरी पैकेज मिलते हैं। आईआईटी पासआउट युवा, इंटर्नशिप के दौरान ही अच्छी कंपनी में एक से डेढ़ लाख रुपये महीने तक की सैलरी पाने लग जाते है। इंटर्नशिप के बाद तो उनको मुंह मांगी सैलरी मिल जाती है। इसीलिए हर स्टूडेन्ट
आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए दिन-रात एक कर देता है, लेकिन एडमिशन कुछ हजार बच्चों
को ही नसीब हो पाता है। इसके पीछे वजह यह है कि आईआईटी में केवल आठ हजार सीटें हैं। अब जिनको आईआईटी नहीं मिलता, वे क्या करते हैं ? उनको एनआईटी का आप्शन मिल जाता है, लेकिन वहां भी केवल 24 हज़ार सीटें हैं। यानी कुल मिलाकर 32 हजार स्टूडेन्ट्स ही हर साल अपना सपना पूरा कर पाते हैं। इन 32 हजार स्टूडेंट्स को ही बेहतरीन संस्थानों से इंजीनियरिंग करने अवसर मिल पाता है,
और जेईई मेन्स के लिए हर साल रजिस्ट्रेशन कराते हैं 20 लाख से ज़्यादा स्टूडेन्ट। यानी बचे 19 लाख 68 हज़ार स्टूडेन्ट क्या करें ?
डॉक्टरी पढ़ना भी आसान नहीं

कुछ यही हाल एमबीबीएस का भी है। बेहद सम्मानित माना जाने वाला डॉक्टरी का पेशा, बहुत सारे युवाओं को अपनी तरफ खींचता है। बहुत सारे मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर बनकर
परिवार का नाम ऊंचा करें। पिछले कुछ सालों में सरकार ने कई नए मेडिकल कॉलेज खोले भी हैं। इससे सीटों में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह भी स्टूडेंट्स की भारी संख्या को देखते हुए कम ही पड़ते हैं।
इसमें भी सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पहले की तरह ही काफी मुश्किल बना हुआ है, जबकि कई प्राइवेट कॉलेज मोटा डोनेशन लेते हैं। अब नीट की परीक्षा में बेहतर रैंक लाने वालों को ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल पाता है। इन कॉलेजों से जहां फीस काफी कम है वहीं यहां से पढ़ाई की प्रतिष्ठा निजी कॉलेजों की तुलना में कहीं ज्यादा है। देश में एमबीबीएस की एक लाख दस हज़ार सीटें अभी हैं।
इनमें से आधी ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पास हैं यानी केवल 55 हजार, जबकि नीट की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बीते साल 21 लाख के करीब थी।
अब इतना जानने के बाद बहुत सारे स्टूडेन्ट निराश होने लगते हैं, लेकिन कई और रास्ते हैं, जिनमें आप आगे बढ़ सकेत हैं। देश और विदेश में साइंस स्ट्रीम में ही कैरियर के ऐसे कई ऑप्शन मौजूद हैं जो
आपको बहुत आगे ले जा सकते हैं।
इन कैरियर्स में भी है बहुत पैसा
अगर आपका एडमिशन भी आईआईटी या एनआईटी में नहीं हो पाता है, तो आप इन विकल्पों पर भी गौर फरमा सकते हैं। इन कैरियर्स में भी आजकल बहुत पैसा है और देश विदेश में इनकी बहुत डिमांड है।
डेटा साइंटिस्ट कैसे बनें
आपने सुना होगा कि आज की दुनिया डेटा एनालिसिस पर चलती है। कारोबार हो या विज्ञान या फिर राजनीति सभी जगह डेटा बहुत ज़रूरी हो गया है। डेटा एनालिसिस के आधार पर प्रोजेक्ट्स की सफलता और असफलता की भविष्यवाणियां होने लगी हैं। एक अच्छे डेटा एनालिस्ट की जरूरत आज के समय में हर बड़ी कंपनी को है। इसके लिए स्टैटिक्स के साथ ही प्रोग्रामिंग की जानकारी भी जरूरी होती है। तो ऐसे युवा जिनको प्रोगामिंग आती है और स्टैटिक्स में भी रुचि है, इस फील्ड में जा सकते हैं।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट बन जाओ, क्राइम से बचाओ

जब कोई भी क्राइम होता है तो गुनहगार की तलाश के लिए सुबूत इकट्ठे किए जाते हैं। छोटे बड़े सबूतों को इकट्ठा करना, उनका साइंटिक एनालिसिस करना एक एक्सपर्ट का ही काम है। वैसे भी आज के एआई वाले ज़माने में क्राइम की इनक्वारी के तौर-तरीकों में काफी बदलाव आ चुका है। साइंस की मदद से सही अपराधियों तक पहुंचने और उन्हें सजा दिलाने में कामयाबी मिलने लगी है। यही वजह है कि फॉरेंसिक साइंस का महत्व क्राइम कंट्रोल और जस्टिस की दुनिया से जुड़े लोग अच्छी तरह समझने लगे हैं। पहले
यूरोप के बड़े देशों में ही फोरेसिंक एक्सपर्ट की मांग हुआ करती थी, लेकिन अब भारत में भी फोरेंसिक लैब की संख्या बढ़ती जा रही है। तो रुतबा और पैसा दोनों कमाना चाहते हो तो फॉरेंसिक एक्सपर्ट बन सकते हो।
पढ़ना अच्छा लगता है तो रिसर्च साइंटिस्ट बनो
मानव जीवन को खुशहाल बनाने के लिए लगातार रिसर्च की ज़रूरत होती है। नई नई खोजों के जरिए
मानवता को आगे बढ़ाने में रिसर्च साइंटिस्ट की भूमिका लगातार बनी हुई है। रिसर्च सांइटिस्ट मानव जीवन से जुड़ी चीजों पर पहले डाटा इकट्ठा करते हैं और फिर रिसर्च करते हैं। इनके शोध के निष्कर्ष मानव जीवन के लिए तो महत्वपूर्ण साबित होते ही हैं, उन संस्थाओं और कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होते हैं जिनसे जुड़कर ये वैज्ञानिक काम करते हैं। विदेशों में अच्छे रिसर्च साइंटिस्ट की डिमांड हमेशा से रही है। हमारे देश में भी इसरो, डीआरडीओ और आईसीएआर जैसे कई संस्थान रिसर्च साइंटिस्ट की तलाश में रहते हैं और आप भी जानते होंगे, इनका वेतन और सम्मान, आईआईटी वालों से कम नहीं होता। ये आर्टिकल आप यंगिस्तान.डॉट.को.इन पर पढ़ रहे हैं।
नई पीढ़ी को सिखाना है तो प्रोफेसर बनो
जब किसी को ज्ञान हो जाता है, तो वह किसी और के साथ बांटना चाहता है। ऐसे में साइंस प्रोफेसर एक अच्छा जॉब ऑप्शन होता है। लेक्चरर बनकर आप लाखों स्टूडेन्ट्स को भविष्य का रास्ता दिखाकर उनका टैलेंट बढ़ाने में मदद कर सकते हो। इसमें पैसे के साथ सम्मान भी बहुत है। आप हजारों स्टूडेन्ट्स को न केवल जीने की सही राह दिखा सकते हैं, बल्कि उनके ज्ञान में वृद्धि कर उनके फ्यूचर को सेफ कर सकते हैं। साइंस स्ट्रीम में अच्छे शिक्षकों की हमेशा डिमांड रहती है। आप पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद नेट और पीएचडी पास कर किसी डिग्री कॉलेज या यूनीवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर तैनात हो सकते हैं। इसके अलावा यू-ट्यूब पर अपना चैनल बनाकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। बीते कुछ सालों में यू्-ट्यूब पर ऑनलाइन पढ़ाने वाले कई टीचर्स आज बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं।
पर्यावरण वैज्ञानिक बन जाओ
जैसे-जैसे दुनिया में पर्यावरण के महत्व को समझा जाने लगा है, वैसे-वैसे इस करियर में नई संभावनाएं पैदा होने लगी हैं। आज के समय में जलवायु परिवर्तन, मानव और पर्यावरण के बीच होने वाली अंतक्रियाएं, मानवीय हस्तक्षेप, ग्रीन हाउस इफैक्ट, ग्लोबल वार्मिंग आदि विषयों को लेकर जागरूकता बढ़ी है और एनवायरमेंटल साइंटिस्ट की मांग भी बढ़ती जा रही है।
तो ये थे कुछ और ऑप्शन्स, जिनसे आप अपने कैरियर को नई पहचान दे सकते हैं।

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