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रिसर्च के क्षेत्र में सरकार का क्रांतिकारी कदम,  6 हजार करोड़ से घर बैठे क्वालिटी एजुकेशन

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Posted by Admin | 25 November, 2024

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जब भी भारत की उच्च शिक्षा(higher education) की क्वालिटी की बात होती रही है, तो रिसर्च(research) में कमी की शिकायत अक्सर उठती रही है। तो सरकार रिसर्च और शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार नेअगले तीन साल में 6 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है। देश के डेढ़ करोड़ स्टूडेन्ट(student) को इसका सीधा फायदा मिलेगा। उनको अब दुनियाभर के शोध पत्रों और जर्नल की तलाश के लिए भटकना नहीं होगा, बल्कि उन्हें यह सारा कुछ एक जगह पर ही मिल जाएगा। इस लिहाज से मोदी कैबिनेट(modi cabinet) ने युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है।

मोदी सरकार ने ने शोध और इनोवेशन को रफ्तार देने के लिए वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम और अटल इनोवेशन(atal innovation) मिशन का नया चरण शुरू करने का ऐलान किया है। इनमें पहला छात्रों-शिक्षकों तक दुनियाभर के शोध पत्रों और जर्नल की पहुंच को आसान बनाने के लिए सब्सक्रिप्शन(subscription) स्कीम है। दूसरा बड़ा एलान अटल इनोवेशन मिशन के नए चरण को शुरू करने को लेकर है। इसके तहत 30 ऐसे नए इनोवेशन सेंटर स्थापित होंगे, जिसमें भाषा का कोई बंधन नहीं होगा। यानी कोई भी छात्र यहां अपनी लोकल लैंग्वेज जैसे असमी, बंगाली, कन्नड़, मराठी, गुजराती में ही काम कर सकेगा।

वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम

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सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन दोनों पहलों से छात्रों और युवाओं को शोध व इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।उन्होंने बताया कि वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम से देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और शोध संस्थानों को जोड़ा जाएगा। इस स्कीम के तहत उन्हें दुनियाभर के सभी शोध पत्र व जर्नल मुहैया कराए जाएंगे। इसमें कुल 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका प्रकाशकों को शामिल किया गया है। इन प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित लगभग 13,000 ई-पत्रिकाएं अब 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों व केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के लिए सुलभ होंगी|

वैष्णव ने आगे बताया कि हम सभी जानते हैं कि शोध के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पब्लिकेशन(publication) की जरूरत होती है जो बहुत महंगे होते हैं और इसलिए पीएम ने इसे एक नए रूप में बदल दिया है। सभी विश्वविद्यालय(university) अपने संसाधनों को साझा करेंगे। सभी विश्वस्तरीय जर्नल्स लाए जाएंगे, उनका सब्सक्रिप्शन लिया जाएगा और फिर देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

अटल इनोवेशन मिशन

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कैबिनेट ने इसके साथ ही अटल इनोवेशन मिशन के नए चरण को भी शुरू करने की मंजूरी दी है। इसके तहत देश में 30 नए ऐसे इनोवेशन सेंटर खोले जाएंगे, जहां किसी भी स्थानीय भाषा के छात्र आकर इनोवेशन(innovation) से जुड़ा काम कर सकते हैं। इस मिशन पर सरकार 2,750 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर के राज्यों में भी करीब एक हजार नए इनोवेशन लैब स्थापित किए जाएंगे। इस मिशन के तहत इनोवेशन की ब्रांडिंग भी की जाएगी।

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