Shefali Jariwala Death Mystery- ‘कांटा लगा’ गर्ल एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत कैसे हुई, ब्यूटी क्वीन बनने के लिए आप ये 3 ग़लतियां न करना
Posted by Admin | 01 July, 2025

दिल पर लगा ‘कांटा’- बॉलीवुड ( Bollywood) की चमक-दमक और ग्लैमर की दुनिया में कुछ सितारे अपनी एक खास पहचान बना लेते हैं, और शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) उनमें से एक थीं। 23 साल पहले 2002 में रिलीज हुए रीमिक्स गाने “कांटा लगा” ( Kaanta Laga) ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस गाने ने न केवल युवाओं के बीच तहलका मचाया, बल्कि शेफाली को एक नई पहचान दी। लेकिन 42 साल की उम्र में उनकी अचानक मौत ने न केवल उनके
फैन्स को ही नहीं बल्कि पूरी इंडस्ट्री को हैरान कर दिया। जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली की मौत कार्डियक अरेस्ट ( cardiac arrest) के कारण हुई। इस कार्डिएक अरेस्ट की वजह बनी उनकी वो एंटी एजिंग दवाइयां ( anti-aging medicine), जिनका इस्तेमाल वो ब्यूटी क्वीन बने रहने और जवान दिखते रहने के लिए कर रही थीं। चकाचौंक और ग्लैमर की दुनिया में खूबसूरती गई तो लोग पूछना बन्द कर देते हैं, इसीलिए शेफाली मेडिसिन ले रही थीं। एंटी-एजिंग दवाइयां, खासकर विटामिन सी और ग्लूटाथियोन (Glutathione) लेने के कारण उनको मौत के मुंह में जाना पड़ा। शेफाली की मौत आज के युवाओं के लिए सबक है, केमिकल का ओवरडोज लेने से नुकसान ज़्यादा होता है। हैरानी की बात ये है कि अपनी आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में शेफाली ने बिग बॉस के अपने साथी सिद्धार्थ शुक्ला के साथ फोटो शेयर की थी। सिद्धार्थ की मौत भी 40 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी।
शेफाली जरीवाला कौन थीं?

शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) का जन्म 15 दिसंबर 1982 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बॉलीवुड में कदम रखा। शेफाली ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और म्यूजिक वीडियोज से की थी। 2002 में डीजे डॉल के रीमिक्स गाने “कांटा लगा” ( kaanta laga) ने उन्हें देशभर में प्रसिद्धि दिलाई। इस गाने का बोल्ड और आकर्षक अंदाज उस समय की युवा पीढ़ी के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ। गाने में शेफाली का डांस और स्टाइल उन्हें घर-घर में मशहूर कर गया।
“कांटा लगा” की सफलता के बाद शेफाली ने कुछ बॉलीवुड फिल्मों और टेलीविजन रियलिटी शोज में भी हिस्सा लिया। उन्होंने 2004 में फिल्म “मुझसे शादी करोगी” में एक छोटी सी भूमिका निभाई, जिसमें सलमान खान और अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में थे। इसके अलावा, वह कई टीवी रियलिटी शोज जैसे “नच बलिए” में अपने पति पराग त्यागी के साथ नजर आईं। उनकी खूबसूरती, फिटनेस और स्टाइल ने उन्हें हमेशा सुर्खियों में रखा। सोशल मीडिया पर भी वह काफी सक्रिय थीं और अपनी फिटनेस, लाइफस्टाइल और खूबसूरती के टिप्स शेयर करती रहती थीं।
हालांकि, शेफाली (Shefali Jariwala ) का करियर उतना लंबा और शानदार नहीं रहा, जितना उनके प्रशंसक चाहते थे। फिर भी, उनकी सादगी और मेहनत ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास जगह दिलाई। उनकी असमय मृत्यु ने उनके प्रशंसकों और करीबियों को गहरा सदमा दिया।
शेफाली जरीवाला की मौत का राज
मीडिया और पुलिस सूत्रों के अनुसार, 42 वर्षीय शेफाली जरीवाला की मृत्यु 2025 में कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। उनके सेक्योरिटी गार्ड शत्रुघ्न के बयान के मुताबिक, शेफाली को शुक्रवार रात साढ़े दस बजे के करीब अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जांच रिपोर्ट्स में सामने आया कि शेफाली उपवास के दौरान भी कुछ दवाएं ले रही थीं, जिनमें विटामिन सी और ग्लूटाथियोन शामिल थे। ये दवाएं वह कथित तौर पर एंटी-एजिंग उपचार के लिए ले रही थीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को शेफाली (Shefali Jariwala )के घर में पूजा थी, इसलिए उनका व्रत था। लेकिन इस दौरान भी उन्होंने अपनी दवाइयां लेनी नहीं छोड़ी। शेफाली ने खुद एंटी-एजिंग दवा का एक इंजेक्शन लिया था। इसके बाद उनका रक्तचाप अचानक बहुत कम हो गया, और उन्हें ठंड लगने लगी। उनके परिवार ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने कार्डियक अरेस्ट को उनकी मृत्यु का कारण बताया। इस घटना ने न केवल उनके परिवार और प्रशंसकों को झकझोर दिया, बल्कि एंटी-एजिंग उपचारों और ग्लूटाथियोन जैसे सप्लीमेंट्स के उपयोग पर भी सवाल उठाए।
ग्लूटाथियोन क्या है ?
ग्लूटाथियोन (Glutathione) एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो इंसान की बॉडी में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। यह तीन अमीनो एसिड्स—ग्लूटामिक एसिड, सिस्टीन और ग्लाइसिन—से मिलकर बनता है। ग्लूटाथियोन का मेन काम बॉडी को फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाना है। यह लिवर को डिटॉक्सीफाई करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ग्लूटाथियोन से ब्यूटी मिलती है

ग्लूटाथियोन (Glutathione) का सबसे लोकप्रिय उपयोग त्वचा की रंगत को निखारने के लिए है। यह टायरोसिनेज एंजाइम को ब्लॉक करता है, जो मेलानिन (त्वचा का रंग तय करने वाला पिगमेंट) के उत्पादन को नियंत्रित करता है। इस कारण इसे त्वचा को गोरा करने और पिगमेंटेशन कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
एंटी-एजिंग प्रभाव: ग्लूटाथियोन के एंटीऑक्सीडेंट गुण झुर्रियों को कम करने, त्वचा की लोच को बनाए रखने और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं।
सोरायसिस और त्वचा रोगों में लाभ: ग्लूटाथियोन सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं और पुरानी सूजन को कम करने में प्रभावी है।
काले धब्बों को हटाना: प्रदूषण, तनाव और उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर होने वाले काले धब्बों को कम करने में ग्लूटाथियोन उपयोगी है।
डिटॉक्सीफिकेशन: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
ग्लूटाथियोन का इस्तेमाल कैसे करते हैं ?
ग्लूटाथियोन (Glutathione) को कई रूपों में लिया जा सकता है, जैसे:
मौखिक सप्लीमेंट्स: गोलियां या कैप्सूल के रूप में।
इंजेक्शन: तेजी से असर के लिए ग्लूटाथियोन को सीधे नसों में इंजेक्ट किया जाता है।
क्रीम या सीरम: त्वचा पर बाहरी उपयोग के लिए।
हालांकि, ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन सबसे प्रभावी माने जाते हैं, क्योंकि वे सीधे रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और तेजी से काम करते हैं। लेकिन इसके साथ जोखिम भी जुड़े हैं, खासकर अगर इसे बिना चिकित्सकीय सलाह के लिया जाए।
एंटी-एजिंग दवाएं और उनका उपयोग
आज के समय में, खासकर सेलिब्रिटीज ( celebrities ) और प्रभावशाली लोगों के बीच, जवां और खूबसूरत दिखने की होड़ ने एंटी-एजिंग उपचारों को बहुत लोकप्रिय बना दिया है। शेफाली जरीवाला जैसे कई लोग इन उपचारों का सहारा लेते हैं ताकि उनकी त्वचा जवां और चमकदार बनी रहे। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये उपचार वाकई सुरक्षित हैं? और लोग इन्हें क्यों लेते हैं?
लोग एंटी-एजिंग दवाएं क्यों लेते हैं?

सौंदर्य और आत्मविश्वास: मनोरंजन और सोशल मीडिया की दुनिया में, जहां बाहरी सुंदरता को बहुत महत्व दिया जाता है, लोग जवां दिखने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। ग्लूटाथियोन और कोलेजन जैसे सप्लीमेंट्स त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने का दावा करते हैं।
सोशल मीडिया का दबाव: सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स द्वारा जवां और खूबसूरत दिखने के लिए इन सप्लीमेंट्स की सिफारिश की जाती है, जिससे आम लोग भी इन्हें आजमाने के लिए प्रेरित होते हैं।
स्वास्थ्य और फिटनेस: कई लोग मानते हैं कि एंटी-एजिंग दवाएं न केवल त्वचा को बेहतर बनाती हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती हैं।
आसान उपलब्धता: आजकल ग्लूटाथियोन और कोलेजन जैसे सप्लीमेंट्स आसानी से ऑनलाइन और मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध हैं, जिससे लोग बिना ज्यादा सोच-विचार के इन्हें खरीद लेते हैं।
कोलेजन क्या है? (What Is Collagen)
कोलेजन (Collagen) एक प्रोटीन है, जो त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों और लिगामेंट्स को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। यह शरीर में स्वाभाविक रूप से बनता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसका उत्पादन कम होने लगता है। इसकी कमी से त्वचा में झुर्रियां, ढीलापन और हड्डियों में कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
कोलेजन (Collagen) सप्लीमेंट्स, जैसे क्रीम, सीरम, और गोलियां, त्वचा को जवां और स्वस्थ रखने का दावा करते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बाहरी रूप से इस्तेमाल होने वाले कोलेजन प्रोडक्ट्स (जैसे क्रीम) का प्रभाव सीमित हो सकता है, क्योंकि कोलेजन अणु त्वचा की गहरी परतों तक नहीं पहुंच पाते। मौखिक सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन अधिक प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन इनके दीर्घकालिक प्रभावों पर अभी और शोध की जरूरत है।
एंटी-एजिंग दवाओं से नुकसान
हालांकि ग्लूटाथियोन और कोलेजन (Collagen) जैसे सप्लीमेंट्स के कई फायदे हैं, लेकिन इनके अनियंत्रित उपयोग से गंभीर जोखिम भी हो सकते हैं। शेफाली जरीवाला की मृत्यु ने इन जोखिमों को और स्पष्ट किया है।
ग्लूटाथियोन के साइड इफेक्ट
बीपी में कमी: ग्लूटाथियोन इंजेक्शन लेने से रक्तचाप अचानक कम हो सकता है, जैसा कि शेफाली के मामले में देखा गया। यह खासकर तब खतरनाक हो सकता है, जब व्यक्ति पहले से ही उपवास कर रहा हो या अन्य दवाएं ले रहा हो।
एलर्जी और त्वचा की समस्याएं: कुछ लोगों में ग्लूटाथियोन से एलर्जिक रिएक्शन, जैसे चकत्ते, खुजली या सूजन, हो सकते हैं।
लिवर और किडनी पर प्रभाव: लंबे समय तक ग्लूटाथियोन का अधिक उपयोग लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं: मौखिक ग्लूटाथियोन सप्लीमेंट्स से पेट दर्द, मतली या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन: ग्लूटाथियोन कुछ दवाओं के साथ नकारात्मक रूप से इंटरैक्ट कर सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कोलेजन के साइड इफेक्ट
एलर्जी: कोलेजन सप्लीमेंट्स, खासकर मछली या अन्य समुद्री स्रोतों से बने, कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
पाचन समस्याएं: कोलेजन सप्लीमेंट्स से कुछ लोगों को पेट में भारीपन या अपच की शिकायत हो सकती है।
अनिश्चित प्रभाव: कोलेजन के बाहरी उपयोग (क्रीम या सीरम) के प्रभावों पर वैज्ञानिक सहमति नहीं है, और कई बार ये प्रोडक्ट्स केवल मार्केटिंग का हिस्सा होते हैं।
कार्डियक अरेस्ट का जोखिम
शेफाली के मामले में, ग्लूटाथियोन इंजेक्शन और उपवास के संयोजन ने उनके रक्तचाप को इतना कम कर दिया कि कार्डियक अरेस्ट हो गया। कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय अचानक रक्त पंप करना बंद कर देता है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
अचानक बेहोशी
सांस लेने में कठिनाई
सीने में दर्द
चक्कर आना
ठंड लगना या पसीना आना
यदि इन लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए और तुरंत चिकित्सकीय सहायता दी जाए, तो जान बचाई जा सकती है।
एंटी-एजिंग दवाएं लेते समय बरती जाने वाली सावधानियां

एंटी-एजिंग दवाएं और सप्लीमेंट्स का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, ताकि गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सके:
चिकित्सकीय सलाह लें: कोई भी सप्लीमेंट या इंजेक्शन लेने से पहले डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना अनिवार्य है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, और जो एक के लिए सुरक्षित हो, वह दूसरे के लिए खतरनाक हो सकता है।
उपवास के दौरान सावधानी: उपवास के दौरान दवाएं या सप्लीमेंट्स लेने से रक्तचाप या ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें।
खुराक का ध्यान रखें: ग्लूटाथियोन या कोलेजन की अधिक खुराक लेना खतरनाक हो सकता है। हमेशा निर्धारित मात्रा का पालन करें।
प्रमाणित स्रोतों से खरीदें: ऑनलाइन या अनधिकृत स्रोतों से सप्लीमेंट्स खरीदने से बचें, क्योंकि इनमें नकली या हानिकारक तत्व हो सकते हैं।
स्वास्थ्य स्थिति की जांच: यदि आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या, जैसे हृदय रोग, डायबिटीज या किडनी की समस्या है, तो इन सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से पहले पूरी जांच करवाएं।
संतुलित आहार और जीवनशैली: सप्लीमेंट्स के बजाय संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से त्वचा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
शेफाली जरीवाला की असमय मृत्यु ने न केवल उनके प्रशंसकों को दुखी किया, बल्कि एंटी-एजिंग उपचारों और ग्लूटाथियोन जैसे सप्लीमेंट्स के अनियंत्रित उपयोग के खतरों को भी उजागर किया। उनकी मृत्यु ने हमें यह सिखाया कि सुंदरता और जवां दिखने की चाह में स्वास्थ्य को अनदेखा करना कितना खतरनाक हो सकता है। ग्लूटाथियोन और कोलेजन जैसे सप्लीमेंट्स के फायदे हो सकते हैं, लेकिन इनका उपयोग केवल चिकित्सकीय सलाह के बाद और सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
शेफाली की कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि असली सुंदरता स्वस्थ शरीर और मन में होती है। समाज और सोशल मीडिया के दबाव में आकर बिना सोचे-समझे दवाओं का सहारा लेना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि जानलेवा भी हो सकता है। हमें अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए और हर कदम पर सावधानी बरतनी चाहिए। शेफाली जरीवाला की यादें उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी, और उनकी मृत्यु से मिला यह सबक हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा।

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