QS World Rankings2026- आईआईटी दिल्ली की दुनिया भर की रैकिंग में तगड़ा उछाल कैसे आया? भारत की उच्च शिक्षा पर दुनिया का भरोसा कैसे बढ़ा
Posted by Admin | 17 June, 2025

नई दिल्ली- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT ) दुनिया के टॉप 123 संस्थानों में शुमार हो गया है। संस्थान ने दो सालों में 70 पायदान उछाल के साथ लंदन ( London) में जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी (QSWorldRankings2026) रैंकिंग 2026 में 123वां रैंक हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल आईआईटी दिल्ली के लिए, बल्कि पूरे इंडियन एजुकेशन सिस्टम (Higher Education India) के लिए गर्व का विषय है। इस तरह की रैकिंग से पूरी दुनिया में भारत के एजुकेशन सिस्टम को लेकर भरोसा पैदा होता है और यहां के स्टूडेन्ट को नौकरियों ( jobs) में बेहतर मौके मिलते हैं। पिछले साल भी आईआईटी दिल्ली ( IIT Delhi) ने लंबी उछाली मारकर 150वीं रैंक हासिल की थी। इस बार आईआईटी बॉम्बे ( IIT Bombay) को 11 पायदान गिरावट के साथ 129वां रैंक मिला है। हालांकि, आईआईटी बॉम्बे (129वां), आईआईटी मद्रास (56वां), और आईआईएससी बैंगलोर (62वां) जैसे संस्थानों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आईआईटी दिल्ली का 70 पायदानों की उछाल इसे सबसे आगे रखता है। इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली दक्षिण एशिया में शीर्ष स्थान पर है, जो इसे भारत और पड़ोसी देशों में सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक बनाता है। आज यंगिस्तान ( youngistan.co.in) आपको दुनिया भर में भारत के एजुकेशन सिस्टम पर बढ़ते भरोसे के बारे में विस्तार से बताएगा।
दरअसल एक दशक में भारतीय शिक्षण संस्थानों की दुनिया भर में हिस्सेदारी 318 फीसदी बढ़ी है। जी-20 देशों ( G-20 Countries) की सूची में भारत ( India) सबसे आगे है। 46 संस्थानों के प्रदर्शन में सुधार है। इस बार रैंकिंग में आठ नए संस्थान जुड़े हैं। अब बड़ा सवाल ये है कि आईआईटी दिल्ली की रैकिंग में उछाल को दुनिया भर में किस तरह देखा जा रहा है? क्या आईआईटी दिल्ली की स्थापना 1961 में हुई थी। यह भारत के 23 आईआईटी संस्थानों में से एक है, जो तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने के लिए जाना जाता है। नई दिल्ली में स्थित यह संस्थान इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञानों जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और शोध प्रदान करता है। इसका विशाल परिसर, आधुनिक सुविधाएं, और उत्कृष्ट शिक्षक-छात्र अनुपात इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक बनाते हैं।
वैसे क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (QSWorldRankings2026) दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित रैंकिंग सिस्टम्स में से एक है। यह हर साल विश्व भर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करता है और उन्हें विभिन्न मापदंडों के आधार पर रैंक प्रदान करता है। 2026 की रैंकिंग में भारत ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 123वें स्थान पर पहुंचना इस बात का सबूत है कि आईआईटी दिल्ली न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है। यह रैंकिंग कई मापदंडों पर आधारित है, जैसे शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, शोध प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और रोजगार परिणाम। आईआईटी दिल्ली ने इन सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है।
आईआईटी दिल्ली का 123वां स्थान हासिल करना इस बात का प्रतीक है कि भारत की तकनीकी शिक्षा प्रणाली अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के अन्य प्रमुख संस्थानों, जैसे आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर, की तुलना में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है।
IIT DELHI की उभरती चमक और खासियतें

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT Delhi) दिल्ली ने हाल ही में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में दुनिया के शीर्ष 123 संस्थानों में अपनी जगह बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि न केवल आईआईटी दिल्ली के लिए, बल्कि पूरे भारतीय शिक्षा जगत के लिए गर्व का विषय है। दो साल में 70 पायदानों की उछाल के साथ, संस्थान ने पिछले साल की 150वीं रैंक से 123वें स्थान पर कदम रखा है। दरअसल आईआईटी दिल्ली की स्थापना 1961 में हुई थी। यह भारत के 23 आईआईटी संस्थानों में से एक है, जो तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने के लिए जाना जाता है। नई दिल्ली में स्थित यह संस्थान इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञानों जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और शोध प्रदान करता है। इसका विशाल परिसर, आधुनिक सुविधाएं, और उत्कृष्ट शिक्षक-छात्र अनुपात इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक बनाते हैं।
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 123वें स्थान पर पहुंचना इस बात का सबूत है कि आईआईटी दिल्ली न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है। यह रैंकिंग कई मापदंडों पर आधारित है, जैसे शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, शोध प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और रोजगार परिणाम। आईआईटी दिल्ली ने इन सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है।
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2026: क्या है खास?

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित रैंकिंग सिस्टम्स में से एक है। यह हर साल विश्व भर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करता है और उन्हें विभिन्न मापदंडों के आधार पर रैंक प्रदान करता है। 2026 की रैंकिंग में भारत ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। एक दशक में भारतीय शिक्षण संस्थानों की हिस्सेदारी 318% बढ़ी है, जो जी-20 देशों में सबसे अधिक है। इस साल 46 भारतीय संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, और आठ नए संस्थान इस सूची में शामिल हुए हैं।
आईआईटी दिल्ली का 123वां स्थान हासिल करना इस बात का प्रतीक है कि भारत की तकनीकी शिक्षा प्रणाली अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के अन्य प्रमुख संस्थानों, जैसे आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर, की तुलना में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है।
IIT DELHI की खासियतें

आईआईटी दिल्ली की सफलता के पीछे कई कारक हैं। आइए, इसकी कुछ प्रमुख खासियतों पर नजर डालें और उनकी तुलना अन्य भारतीय और वैश्विक संस्थानों से करें।
1. उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और पाठ्यक्रम
आईआईटी दिल्ली अपने कठिन प्रवेश परीक्षा (जेईई एडवांस्ड) के लिए जाना जाता है, जो दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। यहां प्रवेश पाने वाले छात्र देश के सबसे होनहार और प्रतिभाशाली माने जाते हैं। संस्थान का पाठ्यक्रम नवाचार और प्रैक्टिकल लर्निंग पर केंद्रित है। यह न केवल इंजीनियरिंग, बल्कि डेटा साइंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), प्रबंधन, और सामाजिक विज्ञानों जैसे उभरते क्षेत्रों में भी पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
तुलना: अन्य भारतीय संस्थानों जैसे आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी मद्रास भी समान पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, लेकिन आईआईटी दिल्ली का डेटा साइंस और एआई में विशेष फोकस इसे अलग बनाता है। क्यूएस रैंकिंग 2025 के अनुसार, आईआईटी दिल्ली डेटा साइंस और एआई में दुनिया के शीर्ष 51-100 संस्थानों में शामिल है। वैश्विक स्तर पर, एमआईटी और स्टैनफोर्ड जैसे संस्थान इन क्षेत्रों में अग्रणी हैं, लेकिन आईआईटी दिल्ली का तेजी से बढ़ता प्रदर्शन इसे इनके करीब ला रहा है।
2. शोध और नवाचार
आईआईटी दिल्ली का शोध और नवाचार के क्षेत्र में योगदान उल्लेखनीय है। क्यूएस रैंकिंग 2025 के अनुसार, यह इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में दुनिया के शीर्ष 26 संस्थानों में शामिल है, जो पिछले साल की 45वीं रैंक से एक बड़ी छलांग है। संस्थान ने 2018 से 2024 तक 410 अंतरराष्ट्रीय सहयोगी शोध परियोजनाओं में हिस्सा लिया है, जिनमें से 139 परियोजनाएं संयुक्त बीज निधि (MFIRP) कार्यक्रम के तहत थीं। इसके परिणामस्वरूप, 2018 में 509 अंतरराष्ट्रीय सहयोगी प्रकाशनों से बढ़कर 2024 में 1214 प्रकाशन हो गए हैं।
तुलना: दूसरे आईआईटी संस्थानों के पास भी अच्छा बुनियादी ढांचा है, लेकिन आईआईटी दिल्ली की दिल्ली जैसे महानगर में स्थिति इसे अतिरिक्त लाभ देती है। वैश्विक स्तर पर, ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड जैसे संस्थानों के पास अधिक वित्तीय संसाधन हैं, लेकिन आईआईटी दिल्ली अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करता है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2026 में भारत के 46 संस्थानों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, और आठ नए संस्थान इस सूची में शामिल हुए हैं। यह भारत की शिक्षा प्रणाली की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। जी-20 देशों में भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, जो इस बात का सबूत है कि भारतीय संस्थान अब वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
आईआईटी दिल्ली की चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

हालांकि आईआईटी दिल्ली ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इसे कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। इनमें शामिल हैं:
वित्तीय संसाधन: वैश्विक स्तर पर शीर्ष संस्थानों जैसे एमआईटी और स्टैनफोर्ड की तुलना में आईआईटी दिल्ली के पास कम वित्तीय संसाधन हैं। सरकार और निजी क्षेत्र से अधिक निवेश की आवश्यकता है।
छात्र-शिक्षक अनुपात: हालांकि आईआईटी दिल्ली का यह अनुपात अच्छा है, लेकिन इसे और बेहतर करने की जरूरत है ताकि प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत ध्यान मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या: वैश्विक रैंकिंग में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या एक महत्वपूर्ण मापदंड है। आईआईटी दिल्ली को इस क्षेत्र में और प्रयास करने होंगे।
भविष्य में, आईआईटी दिल्ली के पास शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने की पूरी संभावना है। इसके लिए संस्थान को अपने शोध, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और बुनियादी ढांचे पर और ध्यान देना होगा।
आईआईटी दिल्ली का क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 123वां स्थान हासिल करना भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए एक मील का पत्थर है। इसकी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, शोध, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और नियोक्ता प्रतिष्ठा इसे देश और दुनिया में एक अग्रणी संस्थान बनाती है। अन्य भारतीय संस्थानों और वैश्विक विश्वविद्यालयों की तुलना में, आईआईटी दिल्ली ने सीमित संसाधनों के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है।
यह उपलब्धि न केवल आईआईटी दिल्ली के छात्रों, शिक्षकों, और कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक है। भविष्य में, अगर संस्थान अपनी गति बनाए रखता है, तो यह निश्चित रूप से दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होगा। यह भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है कि वे मेहनत और समर्पण के साथ वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं।
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