Actress Ranya Rao Arrested- साउथ इंडियन फिल्मों की हिट एक्ट्रेस, पिता डीजीपी, पूरे बॉडी में छिपाकर ला रही थी 15 किलो सोना,एयरपोर्ट पर रंगेहाथ पकड़ी गईं एक्ट्रेस रान्या राव की पूरी कहानी
Posted by Admin | 05 March, 2025

Gold Smuggling by Actress- कन्नड़ ( kannad) और तमिल ( tamil) फिल्मों की एक मशहूर एक्ट्रेस रन्या राव ( Ranya rao) सोने की तस्करी में गिरफ्तार की जाएंगी, किसी ने सोचा भी नहीं होगा। हाल ही में आर्किटेक्ट से शादी करने वाली कर्नाटक के डीजीपी के. रामचंद्र राव की बेटी रान्या राव को पूरा यकीन था कि बेंगलुरु ( Bengluru) के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनकी तलाशी लेने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता है। आखिर जिसके पिता रसूखदार डीजीपी हों और खुद इतनी बड़ी एक्ट्रेस हो, उनकी बॉडी की तलाशी कैसे हो सकती है, लेकिन उनकी किस्मत खराब थी कि उस दिन DRI के धाकड़ अधिकारी की ड्यूटी लगी थी। DRI को शक था कि वो पहले भी ऐसा कर चुकी हैं, क्योंकि पिछले 15 दिनों में वो चार बार दुबई गई थीं। साल भर में उनकी 30 से ज्यादा दुबई ट्रिप्स थीं, जो किसी बिजनेस या फैमिली कनेक्शन के बिना अजीब लग रही थीं। पकड़े जाने के बाद रन्या राव ने पिता की धौस दिखाई, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। तलाशी में उनकी बॉडी पर टेप से बांधे गए सोने की प्लेट्स मिली। केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ( Campgoda international airport) पर 14.8 किलो सोने के साथ उनको जब पकड़ा गया तो सभी हैरान थे। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यइंटेलिजेंस (DRI) ने उन्हें अरेस्ट किया और उनके डीजीपी पिता भी उनको बचा नहीं पाए। यंगिस्तान (youngistan.co.in) आज आपको रन्या राव की पूरी कहानी, सोने की तस्करी के तरीके आदि की पूरी जानकारी देगा। साथ में ये भी जानेंगे कि सोने की तस्करी कैसे होती है, DRI को शक कैसे हुआ और रन्या कैसे पकड़ी गईं।
3 मार्च 2025 की रात को रन्या दुबई से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एमिरेट्स फ्लाइट से लैंड हुईं। लेकिन इस बार वो अकेली नहीं थीं – उनके साथ था 14.8 किलो सोना, जिसकी कीमत करीब 12.56 करोड़ रुपये थी। DRI की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
रन्या ने सोना अपनी बॉडी पर टेप से चिपकाया था – जांघों, कमर और कपड़ों की लाइनिंग में। कुछ गोल्ड बार्स उनकी जैकेट में छिपे थे। इतना ही नहीं, वो 800 ग्राम सोने के गहने भी पहने हुए थीं। जब वो एयरपोर्ट पर उतरीं, तो उन्होंने अपने सौतेले पिता का नाम लिया और कहा कि वो DGP की बेटी हैं। उन्होंने लोकल पुलिस को कॉल करके एस्कॉर्ट मांगा, ताकि चेकिंग से बच सकें। एक कॉन्स्टेबल, बसवराजू, उनके साथ था और उनकी मदद कर रहा था। लेकिन DRI की टीम पहले से तैयार थी। जैसे ही वो एग्जिट के पास पहुंचीं, टीम ने उन्हें रोक लिया और सर्च शुरू की। सर्च में सोना मिला और रन्या को तुरंत अरेस्ट कर लिया गया।
अरेस्ट के बाद उन्हें DRI हेडक्वार्टर्स ले जाया गया। पूछताछ में रन्या ने कहा कि उन्हें ब्लैकमेल किया गया था और वो मजबूरी में सोना लेकर आईं। लेकिन DRI को ये बात हजम नहीं हुई। अगले दिन, 4 मार्च को, उन्हें इकोनॉमिक ऑफेंस कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया। उनकी लावेल रोड वाली कोठी पर छापा मारा गया, जहां से 2.06 करोड़ का सोना और 2.67 करोड़ कैश मिला। कुल मिलाकर 17.29 करोड़ की रिकवरी हुई।
DRI को शक कैसे हुआ?

DRI यानी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस एक खुफिया एजेंसी है, जो तस्करी और कस्टम्स से जुड़े क्राइम पर नजर रखती है। रन्या उनके रडार पर तब आईं, जब उनकी लगातार दुबई ट्रिप्स नजर आईं। पिछले 15 दिनों में चार ट्रिप्स और साल भर में 30 से ज्यादा विजिट्स ने शक पैदा किया। DRI के पास एक टिप-ऑफ भी था कि बेंगलुरु एयरपोर्ट से बड़े लेवल पर गोल्ड स्मगलिंग हो रही है।
उन्होंने रन्या की ट्रैवल हिस्ट्री चेक की। हर बार वो शॉर्ट ट्रिप्स लेती थीं और वापस आती थीं। उनके पास दुबई में कोई बिजनेस या फैमिली कनेक्शन नहीं दिखा। फिर उनकी फ्लाइट्स का पैटर्न देखा – हमेशा एमिरेट्स से आना-जाना। DRI ने CCTV फुटेज भी चेक किए और पाया कि पहले की ट्रिप्स में वो हेवी कपड़े पहनती थीं, जो गर्म मौसम के हिसाब से अजीब था। इससे शक पक्का हो गया कि वो कुछ छिपा रही हैं।
3 मार्च को जब वो लैंड हुईं, DRI की टीम तैयार थी। उन्होंने पुलिस एस्कॉर्ट को देखा, लेकिन रुकने नहीं दिया। सर्च में सोना मिला और सारा खेल खत्म हो गया।
रन्या कैसे पकड़ी गईं?

रन्या ( ranya ) की प्लानिंग स्मार्ट थी, लेकिन DRI उससे दो कदम आगे थी। वो एयरपोर्ट पर लैंड हुईं और अपने सौतेले पिता का नाम लेकर एस्कॉर्ट मंगवाया। कॉन्स्टेबल बसवराजू उनकी मदद के लिए आया और उन्हें बिना चेकिंग के बाहर ले जाने की कोशिश की। लेकिन DRI ने उन्हें एग्जिट गेट के पास रोक लिया।
सर्चिंग में पहले उनके कपड़ों में कुछ सख्त चीज महसूस हुई। फिर जैकेट की लाइनिंग खोली तो गोल्ड बार्स मिले। बॉडी चेक में जांघों और कमर पर टेप से चिपके सोने के टुकड़े पकड़े गए। रन्या ने बचने की कोशिश की, लेकिन सबूत इतने पक्के थे कि उनके पास कोई जवाब नहीं बचा। DRI ने तुरंत उन्हें हिरासत में लिया और कॉन्स्टेबल का बयान भी रिकॉर्ड किया।
रन्या राव की शुरुआत

कर्नाटक ते सीनियर IPS ऑफिसर के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रन्या राव का जन्म 1991 में चिकमंगलूर (Chikmangloor) में हुआ था। ये जगह अपनी कॉफी और खूबसूरत पहाड़ियों के लिए मशहूर है। रन्या की जिंदगी की शुरुआत भी काफी नॉर्मल थी। उनकी स्कूलिंग कोडागु और बेंगलुरु में हुई। पढ़ाई में वो ठीक-ठाक थीं और बाद में उन्होंने बेंगलुरु के दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन उनका मन कहीं और था। वो बचपन से ही फिल्मों की शौकीन थीं और एक्टिंग में कुछ बड़ा करना चाहती थीं।
रन्या की फैमिली बैकग्राउंड भी कुछ खास है। उनके सौतेले पिता रामचंद्र राव अभी कर्नाटक स्टेट पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) हैं। रन्या की मां, राव की दूसरी पत्नी हैं, जिनकी पहली शादी से दो बेटियां थीं। रन्या इन्हीं में से एक हैं। फैमिली में इतना बड़ा नाम होने की वजह से उनकी जिंदगी में थोड़ी चमक-धमक तो थी ही, लेकिन रन्या ने अपने दम पर कुछ करना चाहा।
पढ़ाई बीच में छोड़कर वो मुंबई चली गईं। वहां उन्होंने किशोर नमित कपूर एक्टिंग इंस्टीट्यूट में एक्टिंग का कोर्स किया। ये वो वक्त था जब वो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल पड़ी थीं। लेकिन शायद किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन वो ऐसे विवाद में फंसेंगी कि उनकी सारी मेहनत पर सवाल उठने लगेंगे।
कैसे हुई फिल्मों में शुरुआत ?

रन्या ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2014 में की। उनकी पहली फिल्म थी कन्नड़ सिनेमा की ‘मानिक्या’। इस फिल्म को सुपरस्टार सुदीप ( superstar sudeep) ने डायरेक्ट किया था और वो इसमें हीरो भी थे। रन्या ने फिल्म में मनसा का रोल निभाया, जो एक अमीर लड़की और हीरो की लव इंटरेस्ट थी। फिल्म हिट रही और रन्या को लोग नोटिस करने लगे। उनकी सादगी और स्क्रीन प्रजेंस की तारीफ हुई। ये उनके लिए बड़ा ब्रेक था।
‘मानिक्या’ के बाद रन्या ने कन्नड़ सिनेमा में अपनी जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं मिला। फिर 2016 में वो तमिल सिनेमा में आईं। उनकी फिल्म ‘वाघा’ रिलीज हुई, जिसमें वो विक्रम प्रभु के ऑपोजिट लीड रोल में थीं। ये एक रोमांटिक ड्रामा था, जो बॉर्डर पर बेस्ड था। फिल्म को ठीक-ठाक रिस्पॉन्स मिला और रन्या का नाम तमिल ऑडियंस तक भी पहुंच गया।
2017 में वो वापस कन्नड़ सिनेमा में लौटीं। फिल्म थी ‘पटकी’ ( Pataki) जो एक कॉमेडी ( comedy) थी। इसमें वो गणेश ( actor Ganesh) के साथ नजर आईं और उनका रोल एक जर्नलिस्ट संगीता ( journalist sangeeta) का था। फिल्म मजेदार थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं कर पाई। रन्या ( Ranya) ने कुल मिलाकर तीन बड़ी फिल्मों में लीड रोल किया – ‘मानिक्या’, ‘वाघा’ और ‘पटकी’। इसके अलावा कुछ छोटे रोल्स भी किए, लेकिन वो कभी सुपरस्टार वाली फेम हासिल नहीं कर पाईं। फिर भी, साउथ इंडियन सिनेमा ( South indian cinema) में उनकी थोड़ी-बहुत पहचान बन गई थी।
फैमिली और पर्सनल लाइफ

रन्या की पर्सनल लाइफ भी चर्चा में रही। चार महीने पहले, यानी नवंबर 2024 में, उनकी शादी हुई थी। उनके हसबैंड का नाम है जतिन हुक्केरी, जो एक आर्किटेक्ट हैं। जतिन पब्स और माइक्रोब्रुअरीज डिजाइन करने में माहिर हैं। शादी बेंगलुरु के ताज वेस्ट एंड में बड़े धूमधाम से हुई थी। लेकिन शादी के बाद रन्या अपने पेरेंट्स से ज्यादा कनेक्टेड नहीं रहीं। उनके सौतेले पिता रामचंद्र राव ने कहा कि शादी के बाद वो उनसे मिलने नहीं आईं और उन्हें रन्या या जतिन के बिजनेस के बारे में कुछ नहीं पता।
रन्या की जिंदगी में ये मोड़ भी अहम था, क्योंकि शादी के बाद उनकी ट्रैवलिंग बढ़ गई थी। खासकर दुबई की ट्रिप्स। और यहीं से शुरू होती है उनकी तस्करी वाली कहानी।
सोने की तस्करी वाली पूरी कहानी

अब आते हैं उस घटना पर, जिसने रन्या को रातोंरात सुर्खियों में ला दिया।
सोने की तस्करी कैसे होती है?
सोने की तस्करी एक बड़ा धंधा है, जो कई तरीकों से चलता है। यहाँ कुछ आम तरीके हैं:
बॉडी पर छिपाना: लोग सोने को जांघों, कमर, या अंडरगारमेंट्स में टेप से चिपकाते हैं। रन्या ने भी यही किया।
कपड़ों में सिलाई: जैकेट, पैंट या बैग की लाइनिंग में सोना सिल दिया जाता है।
गहनों के रूप में: सोने को गहनों की शक्ल देकर पहन लिया जाता है, जैसे रन्या के 800 ग्राम ऑर्नामेंट्स।
सामान में छिपाना: बैग, शूज, या इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में सोना छिपाया जाता है।
खाने की चीजों में: चॉकलेट, बिस्किट या फ्रूट्स के अंदर सोना डालकर लाया जाता है।
हवाला का खेल: पैसा हवाला से भेजा जाता है और सोना कैरियर के जरिए लाया जाता है।
तस्कर अक्सर भीड़ का फायदा उठाते हैं या कनेक्शंस यूज करते हैं, जैसे रन्या ने पुलिस एस्कॉर्ट की कोशिश की। लेकिन DRI जैसी एजेंसियां मेटल डिटेक्टर्स, एक्स-रे मशीनों और खुफिया जानकारी से इन्हें पकड़ लेती हैं।
रन्या का क्या होगा?

रन्या को अभी 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा गया है। वो परप्पना अग्रहारा जेल में हैं। DRI ये पता लगा रही है कि वो अकेली थीं या किसी बड़े स्मगलिंग नेटवर्क का हिस्सा। उनके हसबैंड जतिन से भी पूछताछ हो सकती है। अगर वो दोषी पाई गईं, तो कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत सजा हो सकती है – 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माना।
उनके सौतेले पिता ने कहा, “हमें शॉक लगा है। वो गलत हुई तो कानून अपना काम करेगा।” लेकिन पब्लिक में सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े अफसर की फैमिली में ऐसा कैसे हुआ? क्या रन्या सच में ब्लैकमेल की शिकार थीं या ये सब पैसों का खेल था?
रन्या राव की कहानी एक सबक है। एक तरफ वो एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर मुंबई गईं, फिल्मों में नाम कमाया। दूसरी तरफ उनकी जिंदगी में ऐसा ट्विस्ट आया कि सब हैरान रह गए। 14.8 किलो सोने की तस्करी कोई छोटी बात नहीं। DRI की सख्ती और उनकी स्मार्टनेस ने रन्या को पकड़ लिया, लेकिन सवाल बाकी हैं – क्या वो अकेली थीं? क्या इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट है?
सोने की तस्करी का ये खेल सालों से चल रहा है, लेकिन हर बार नया तरीका सामने आता है। रन्या की कहानी से सीख मिलती है कि चाहे कितने बड़े कनेक्शंस हों, कानून के आगे सब बराबर हैं। अब देखना ये है कि इस केस में आगे क्या होता है। तब तक के लिए, आप क्या सोचते हैं? रन्या गलत थीं या मजबूरी में फंसीं? कमेंट में बताइएगा।

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