Fresher job tips: बिना अनुभव हासिल किए कैसे हासिल करते हैं पहली नौकरी, ये 10 जबरदस्त टिप्स आपका कैरियर बना देंगी.
Posted by Nirmal | 01 March, 2025

Fresher Jobs- किसी फ्रेशर ( fresher) को हिन्दुस्तान ( India) में जॉब ( job) मिलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए कि नौकरियों के अवसर कम हैं और अति शिक्षित और कम वेतन पर काम कर रहे अनुभवी ( experienced) लोगों की भरमार है। ऐसे में फ्रेशर्स को पहली नौकरी पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन आजकल के सोशल मीडिया ( social media) के ज़माने में कुछ ऐसे तरीके अपनाएं जाएं तो आपको पहली जॉब मिलने में दिक्कत नहीं आएगी। यंगिस्तान ( youngistan.co.in) आज आपको न केवल ऐसे तरीके बताएगा, बल्कि उदाहरण के साथ समझाएगा कि किस एक्टिविटी से क्या रिजल्ट आते हैं। अगर आपको इससे मदद मिली है तो अपने दोस्तों और परिचितों से शेयर करना बिल्कुल न भूलें।
दरअसल हमारे देश में हर साल लाखों स्टूडेंट्स ( students ) ग्रेजुएट ( graduates ) होते हैं, लेकिन नौकरियां सीमित हैं। ऐसे में बिना इंटर्नशिप ( internship ) या अनुभव के जॉब पाना चुनौतीपूर्ण लगता है। पर यह नामुमकिन नहीं! यहां 10 प्रैक्टिकल ( practical ) तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी मंज़िल पा सकते हैं। हर टिप को उदाहरण और तुलना से समझाया गया है ताकि आपको अच्छी तरह समझ में आ जाए।
1. डिग्री से ज़्यादा स्किल्स ज़रूरी
क्यों ज़रूरी?
आज कंपनियां डिग्री ( degree) से ज़्यादा प्रैक्टिकल स्किल्स ( skills ) देखती हैं। अगर आपने इंटर्नशिप नहीं की है, तो अपनी स्किल्स को निखारकर कॉम्पिटिशन ( competition) में आगे निकल सकते हैं।
कैसे करें?
· ऑनलाइन कोर्सेज: Coursera, Udemy, या YouTube से मुफ्त या सस्ते कोर्स करें।
· प्रोजेक्ट बनाएं: सीखी हुई स्किल का प्रैक्टिकल उदाहरण बनाएं। जैसे, Python सीखकर एक छोटा ऐप डेवलप करना।
· सर्टिफिकेट्स जोड़ें: कोर्स पूरा करके सर्टिफिकेट लें और उसे LinkedIn या रिज्यूमे में डालें।
उदाहरण:
राहुल (B.Tech ग्रेजुएट) ने अपने टाइम का इस्तेमाल करके Python और वेब डेवलपमेंट सीखा। उसने एक पर्सनल ब्लॉग बनाया और 3 प्रोजेक्ट्स पूरे किए। जब उसने जॉब के लिए अप्लाई किया, तो इंटरव्यूअर्स ने उसके प्रोजेक्ट्स को पसंद किया और उसे जॉब मिल गई।
तुलना:
राहुल के दोस्त अजय ने सिर्फ़ किताबी ज्ञान पर भरोसा किया और 6 महीने तक बेरोज़गार रहा।
टिप:
डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनालिटिक्स, ग्राफ़िक डिज़ाइन जैसी स्किल्स पर फोकस करें। रोज़ 1-2 घंटे सीखने में लगाएं।
2. नेटवर्किंग: "जानकारी" ही "जॉब" दिलाएगी
क्यों ज़रूरी?
कहावत है, “अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।” जॉब मार्केट में 70% वैकेंसीज़ नेटवर्किंग से ही भरी जाती हैं।
कैसे करें?
· LinkedIn का सही इस्तेमाल: अपनी प्रोफ़ाइल को Professional बनाएं। Industry Experts को फॉलो करें और उनके पोस्ट्स पर सवाल पूछें।
· कॉलेज सीनियर्स से संपर्क: उन्हें मैसेज करें और गाइडेंस मांगें।
· वेबिनार/इवेंट्स जॉइन करें: वहां लोगों से कनेक्ट होने का मौका मिलता है।
उदाहरण:
पूजा ने LinkedIn पर एक HR मैनेजर को मैसेज किया: “सर, मैं मार्केटिंग में करियर बनाना चाहती हूं। क्या आप मुझे 5 मिनट की सलाह दे सकते हैं?” उसकी बातचीत के बाद उसे उसी कंपनी में इंटरव्यू का मौका मिला।
तुलना:
पूजा की दोस्त नेहा ने सिर्फ़ जॉब पोर्टल्स पर भरोसा किया और महीनों तक कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
टिप:
हफ़्ते में 5 नए लोगों से जुड़ें। मैसेज में बताएं कि आप उनसे क्यों जुड़ना चाहते हैं।
3. फ्रीलांसिंग/प्रोजेक्ट्स: अनुभव खुद बनाओ

क्यों ज़रूरी?
अगर कंपनियां आपको मौका नहीं दे रहीं, तो खुद से शुरुआत करें। फ्रीलांसिंग या पर्सनल प्रोजेक्ट्स से आप अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
कैसे करें?
· Fiverr/Upwork पर अकाउंट बनाएं: शुरुआत में कम कीमत पर सेवाएं दें।
· कॉलेज प्रोजेक्ट्स को डिटेल से डालें: अगर आपने कोई अच्छा प्रोजेक्ट किया है, तो उसे रिज्यूमे में हाइलाइट करें।
उदाहरण:
अंकित ने Fiverr पर लोगो डिज़ाइन करना शुरू किया। 3 महीने में उसने 20 प्रोजेक्ट्स पूरे किए और अपने रिज्यूमे में यह अनुभव जोड़ा। एक कंपनी ने उसके काम को देखकर उसे हायर कर लिया।
तुलना:
अंकित के दोस्त विशाल ने फ्रीलांसिंग को “छोटा काम” समझकर अनदेखा किया और आज भी जॉब ढूंढ रहा है।
टिप:
शुरुआत में पैसे से ज़्यादा अनुभव पर फोकस करें।
4. रिज्यूमे को किलर बनाओ: खाली पेज नहीं, स्किल्स दिखाओ

क्यों ज़रूरी?
HR मात्र 7 सेकंड में रिज्यूमे स्कैन करता है। अगर आपका रिज्यूमे खाली है, तो वह रिजेक्ट कर देगा।
कैसे करें?
· स्किल्स सेक्शन को भरें: Technical Skills के साथ Soft Skills (Communication, Leadership) भी लिखें।
· प्रोजेक्ट्स डिटेल में बताएं: जैसे, “कॉलेज फेस्ट के लिए 500+ लोगों का इवेंट मैनेज किया।”
· कीवर्ड्स यूज़ करें: Job Description में दिए गए कीवर्ड्स को रिज्यूमे में शामिल करें।
उदाहरण:
शिखा ने अपने रिज्यूमे में लिखा: “मैंने लोकल NGO के साथ 2 महीने तक सोशल मीडिया कैंपेन चलाया, जिससे 50% फंडिंग बढ़ी।” इससे उसे एक डिजिटल मार्केटिंग जॉब मिल गई।
तुलना:
उसकी दोस्त रीना ने सिर्फ़ डिग्री और मार्क्स लिखे, जिसे HR ने नज़रअंदाज़ कर दिया।
टिप:
Canva या Resume Builder टूल्स का इस्तेमाल करके आकर्षक रिज्यूमे बनाएं।
5. वॉलंटियरिंग: अनुभव का छुपा हुआ सोना

क्यों ज़रूरी?
वॉलंटियरिंग(voluntaring) से आपको टीमवर्क, लीडरशिप और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसी स्किल्स मिलती हैं, जो जॉब में काम आती हैं।
कैसे करें?
· लोकल NGO से जुड़ें: शिक्षा, पर्यावरण या सामाजिक कार्यों में हिस्सा लें।
· कॉलेज इवेंट्स ऑर्गनाइज़ करें: फेस्ट, सेमिनार या वर्कशॉप में वॉलंटियर बनें।
उदाहरण:
रोहन ने एक NGO के साथ 2 महीने तक ग़रीब बच्चों को पढ़ाया। उसने रिज्यूमे में लिखा: “टीम मैनेजमेंट और पब्लिक स्पीकिंग का अनुभव।” इससे उसे एक एडुटेक कंपनी में ट्रेनर की जॉब मिली।
तुलना:
रोहन के दोस्त प्रदीप ने वॉलंटियरिंग को “टाइम वेस्ट” समझा और आज तक जॉब नहीं मिली।
टिप:
वॉलंटियरिंग के लिए समय निकालें। यह आपके पर्सनैलिटी को भी निखारेगा।
6. जॉब पोर्टल्स का स्मार्ट इस्तेमाल: सिर्फ़ अप्लाई नहीं, फॉलो-अप भी करो

क्यों ज़रूरी?
जॉब पोर्टल्स(job portals) पर हज़ारों अप्लीकेशन्स आती हैं। आपको HR की नज़र में खड़ा होना है।
कैसे करें?
· रोज़ अप्लाई करें: Naukri, Indeed पर “Fresher” या “Trainee” टाइप करके जॉब्स खोजें।
· कवर लेटर लिखें: जॉब डिस्क्रिप्शन के अनुसार कवर लेटर कस्टमाइज़ करें।
· फॉलो-अप करें: 3-4 दिन बाद कंपनी को कॉल करके अपडेट लें।
उदाहरण:
मनीष ने Naukri पर 100+ जॉब्स के लिए अप्लाई किया और हर हफ़्ते 5 कंपनियों को फॉलो-अप कॉल किया। 1 महीने में उसे 3 इंटरव्यू कॉल आए।
तुलना:
मनीष के दोस्त संजय ने बिना फॉलो-अप के सिर्फ़ 10 जॉब्स में अप्लाई किया और निराश हो गया।
टिप:
जॉब पोर्टल्स पर अपनी प्रोफ़ाइल 100% कंप्लीट रखें।
7. स्टार्टअप्स को टारगेट करो: छोटा मौका, बड़ा अनुभव
क्यों ज़रूरी?
स्टार्टअप्स में जॉब के साथ-साथ सीखने का मौका मिलता है। यहां आप Multiple Roles Handle कर सकते हैं।
कैसे करें?
· AngelList या LinkedIn पर स्टार्टअप्स ढूंढें: “Hiring Freshers” वाली कंपनियों को प्राथमिकता दें।
· लो सैलरी से शुरुआत करें: अनुभव मिलने के बाद आगे बढ़ सकते हैं।
उदाहरण:
प्रिया ने एक स्टार्टअप में 15 हज़ार रुपये महीने पर जॉब ज्वाइन की। 1 साल बाद उसने यहां के अनुभव से एक MNC में 40 हज़ार की जॉब पाई।
तुलना:
प्रिया की दोस्त सोनम ने सिर्फ़ बड़ी कंपनियों पर फोकस किया और 2 साल तक बेरोज़गार रही।
टिप:
स्टार्टअप्स में काम करके Entrepreneurship Skills डेवलप करें।
8. इंटरव्यू की तैयारी: कॉन्फिडेंस ही "किंग" है

क्यों ज़रूरी?
इंटरव्यू में आपका कॉन्फिडेंस और कम्युनिकेशन 80% इम्प्रेशन बनाता है।
कैसे करें?
· प्रैक्टिस करें: Mirror के सामने बोलने की प्रैक्टिस करें या दोस्तों से मॉक इंटरव्यू लें।
· सवालों की लिस्ट बनाएं: “Tell me about yourself” या “Why should we hire you?” जैसे सवालों के जवाब याद करें।
· प्रोजेक्ट्स को समझाएं: अपने प्रोजेक्ट्स को इस तरह बताएं कि इंटरव्यूअर प्रभावित हो।
उदाहरण:
अमन ने इंटरव्यू में अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताया: “मैंने एक ऐप बनाया जो बजट मैनेजमेंट में मदद करता है। मुझे यहां आकर और सीखने का मौका चाहिए।” उसे तुरंत सेलेक्ट कर लिया गया।
तुलना:
अमन के दोस्त राकेश ने इंटरव्यू में घबराकर ग़लत जवाब दिए और रिजेक्ट हो गया।
टिप:
इंटरव्यू के अंत में इंटरव्यूअर से पूछें: “मैं इस रोल के लिए कैसे बेहतर तैयारी कर सकता हूं?”
9. सॉफ्ट स्किल्स: जॉब का "Secret Sauce"
क्यों ज़रूरी?
Technical Skills से जॉब मिलती है, लेकिन Soft Skills से प्रमोशन मिलता है।
कैसे करें?
· इंग्लिश कम्युनिकेशन: Duolingo या YouTube से प्रैक्टिस करें।
· बॉडी लैंग्वेज: इंटरव्यू में सीधे सावधान की मुद्रा में बैठे, जिससे पॉजिटिव मैसेज जाए।
10. नेटवर्किंग ज़रूरी

कई बार नौकरी देने वाले अच्छी स्किल्स वाले फ्रेशर को ढूंढ रहे होते हैं, ऐसे में नेटवर्किंग काम आती है। अगर आपकी दोस्ती है, अपनी फील्ड में है तो वे आपका नाम रिकमंड कर सकते हैं।
उदाहरण- ऋषि लगातार अपने उन दोस्तों के टच में था, जिनकी जॉब लग चुकी थी। उसके दोस्त उसकी स्किल्स जानते थे। ऐसे में जब उनकी कंपनी में वैकेंसी निकली तो उन्होंने ऋषि को फौरन एचआर से मिलने को कह दिया।य़
कैसे करें?
बाकी काम के बीच मिलना जुलना या मैसेज भेजना जारी रखें।
तो ये है फ्रेशर होते हुए ज़ॉब हासिल करने की टिप्स। आप इनको अपनाकर आगे बढ़ सकते हैं।

Post Comment