Universal Pension Scheme- देश में सबको पेंशन वाला ‘मास्टर स्ट्रोक’ लगाएंगे मोदी ? पेंशन पाने के लिए क्या करना होगा, जान लीजिए
Posted by Nirmal | 28 February, 2025

Pension Scheme- अभी तक हमारे देश में असंगठित और प्राइवेट कामगारों ( private workers ) के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा स्कीम नहीं है। इतनी ज़्यादा आबादी होने के कारण सरकारों के लिए सबको पेंशन ( pension) दे पाना आसान भी नहीं है, लेकिन अब इसको संभव करने की तैयारी हो रही है। मोदी सरकार विदेशों की तर्ज पर हर ज़रूरतमंद भारतीयों को बुढ़ापे में पेंशन देने की कोशिश कर रही है। इसके लिए यूनिवर्सिल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) लांच करने की तैयारी है। इस स्कीम में 500 रुपये महीने जमा करके रिटायरमेंट के बाद पूरी उम्र जरूरतभर की पेंशन हासिल की जा सकती है। इस क़दम को गेंमचेंजर ( Game changer) इस लिहाज से माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर निकाल सकती है। यंगिस्तान ( yoingistan.co.in) आज आपको इस स्कीम के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताएगा। अगर आपको ये योजना अच्छी लगे तो अपने दोस्तो और परिचियों को शेयर करना न भूलें।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम 2025
मोदी सरकार एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) के जरिए देश के हर नागरिक को बुढ़ापे में पेंशन देने की तैयारी है। चाहे आप मजदूर हों, किसान हों, या ऑटो चालक, इस स्कीम का लाभ सबको मिल सकेगा। आगे आपको बताएंगे कि यह योजना कैसे काम करेगी, इसके फायदे-नुकसान क्या हैं, और यह अमेरिका-यूरोप जैसे देशों की पेंशन प्रणालियों से कैसे अलग है। साथ ही, आपके हर सवाल का जवाब FAQ सेक्शन में मिलेगा।
पेंशन पर अभी क्या चल रहा है?

आज भारत में 90% से ज्यादा कामगार असंगठित क्षेत्र (रेहड़ी-पटरी वाले, मजदूर, घरेलू कामगार) में हैं। इनमें से ज्यादातर के पस बुढ़ापे की सुरक्षा नहीं है। नीचे देश की मौजूदा पेंशन योजनाओं का हाल देखें:
1. EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि):
o सिर्फ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों (जैसे सरकारी नौकरी, बड़ी कंपनियों) के लिए।
o 2023 तक केवल 6.5 करोड़ लोग EPFO से जुड़े हैं।
2. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS):
o यह स्वैच्छिक योजना है, लेकिन 2023 तक सिर्फ 1.3 करोड़ लोग ही इसमें रजिस्टर्ड हैं।
3. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM):
o असंगठित क्षेत्र के लिए, पर सिर्फ 50 लाख लोग ही जुड़े (2023 तक)।
o 60 साल की उम्र के बाद ₹3,000/माह पेंशन।
4. अटल पेंशन योजना (APY):
o 5 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े, लेकिन पेंशन ₹1,000 से ₹5,000/माह तक सीमित।
समस्या: इन योजनाओं का दायरा छोटा है और पेंशन रकम इतनी कम कि महंगाई में गुजारा मुश्किल।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का पूरा प्लान?
सरकार का लक्ष्य है: “सबके लिए पेंशन, सबकी भागीदारी”। यह योजना इन सिद्धांतों पर काम करेगी:
· स्वैच्छिक भागीदारी: इसमें शामिल होना आपकी मर्जी।
· अंशदान आधारित: जितना ज्यादा जमा करेंगे, उतनी बड़ी पेंशन मिलेगी।
· EPFO के तहत: श्रम मंत्रालय और EPFO इसे मैनेज करेंगे।
· 60 साल की उम्र के बाद पेंशन शुरू।
मान लीजिए-
· रमेश, एक ऑटो ड्राइवर, 30 साल की उम्र से ₹500/माह जमा करता है।
· 60 साल की उम्र तक उसने जमा किए ₹1,80,000 (ब्याज मिलाकर ₹3 लाख+)।
· उसे हर महीने ₹3,000-₹5,000 पेंशन मिल सकती है।
दूसरे देशों के सिस्टम?

देश योजना का नाम खास बातें भारत से तुलना
डेनमार्क Folkepension सभी नागरिकों को टैक्स से पेंशन। भारत में नहीं
कनाडा OAS (Old Age Security) 65+ उम्र वालों को ₹50,000/माह भारत में पेंशन रकम कम
जापान National Pension सभी नागरिकों के लिए ₹70,000/माह तक। भारत में योजना स्वैच्छिक है।
भारत यूनिवर्सल पेंशन स्कीम स्वैच्छिक। अनुमानित ₹3,000-₹5,000/माह। अभी प्रस्तावित है।
योजना का फायदा किसको ?

1. असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़+ कामगार: रिक्शा चालक, मेड, किसान, गिग वर्कर्स को मिलेगा सहारा।
2. महिलाएं: घरेलू कामकाजी महिलाएं भी पेंशन की हकदार बनेंगी।
3.युवा: 18-30 साल के लोग कम अंशदान में बड़ी पेंशन पा सकते हैं।
4. ग्रामीण भारत: खेती-मजदूरी करने वालों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा।
सामाजिक प्रभाव:
· बुढ़ापे में बच्चों पर निर्भरता कम होगी।
· गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन।
चुनौतियां और समाधान

1. अंशदान की क्षमता:
o समस्या: दिहाड़ी मजदूर ₹200/दिन कमाते हैं, वे ₹500/माह कैसे जमा करेंगे?
o समाधान: सरकार गरीबों के अंशदान में सब्सिडी दे (जैसे PM-SYM में 50% योगदान)।
2.जागरूकता की कमी:
o समस्या: ग्रामीण इलाकों में लोग योजना के बारे में नहीं जानते।
o समाधान: आशा वर्कर्स और पंचायतों के जरिए अभियान चलाएं।
3.मुद्रास्फीति का खतरा:
o समस्या: 30 साल बाद ₹3,000/माह का मूल्य बहुत कम हो सकता है।
o समाधान: पेंशन को महंगाई के साथ जोड़ने का प्रावधान करें।
FAQ: यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जुड़े सवाल

Q1. पेंशन कितनी मिलेगी?
· यह आपके अंशदान और ब्याज पर निर्भर करेगा। उदाहरण: ₹500/माह 30 साल तक जमा करने पर ≈ ₹3,500/माह पेंशन (8% ब्याज मानकर)।
Q2. क्या नौकरीपेशा लोग भी जुड़ सकते हैं?
· हां, EPFO/NPS के अलावा यह एक अतिरिक्त ऑप्शन होगा।
Q3.अगर अंशदान बंद कर दें तो क्या होगा?
· जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा, लेकिन पेंशन कम हो जाएगी।
Q4. पेंशन टैक्स फ्री होगी?
· संभावना है कि पेंशन पर टैक्स नहीं लगेगा, पर सरकार को फैसला करना है।
Q5. बैंक खाता नहीं है तो क्या करें?
· जन धन खाते से ऑटो-डेबिट की सुविधा होगी।
योजना गेम-चेंजर साबित होगी?

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम भारत की सामाजिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है। अगर इसे ठीक से लागू किया गया, तो यह 40 करोड़+ असंगठित कामगारों को बुढ़ापे में सम्मान दे सकती है। हालांकि, सरकार को जागरूकता अभियान, सब्सिडी और मुद्रास्फीति प्रूफ सिस्टम पर ध्यान देना होगा। आप क्या सोचते हैं? क्या यह योजना आपके लिए उपयोगी होगी? कमेंट में बताएं!

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