ये उम्र इतनी ख़तरनाक क्यों होती है, इस समय ‘सेक्शुअल प्रॉब्लम्स’ को कैसे हैंडल करना चाहिए?
Posted by Admin | 22 January, 2025

टीनएज ( teen age ) और यंग एज वो वक्त है, जब हर लड़के और लड़की के शरीर में बदलाव हो रहा होता है। इस दौरान वे अपने स्कूली या पड़ोस के हम उम्र दोस्तों से इस बारे में बातें करके पता लगाने की कोशिश करते हैं, क्या उसके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। जो युवा, खासकर लड़कियां पूछने में शर्माते हैं, वे इंटरनेट का सहारा लेकर जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं। नई चीजें समझने और एक्सप्लोर करने की कोशिश में कई बार सेक्शुअल हेल्थ और रिलेशनशिप को लेकर कन्फ्यूज़न और परेशानियां बढ़ जाती हैं। आइये जानते हैं ऐसी स्थिति को सही तरीके से कैसे हैंडल किया जा सकता है और इस बारे में जो मिथ हैं, उनको कैसे इगनोर करना चाहिए।
पहली बार सेक्स का एक्सपीरियंस और घबराहट
1. जब कोई लड़का या लड़की पहली बार फिज़िकली अपने पार्टनर के साथ क्लोज़ होने की कोशिश करता है, तो कई बार चीजें प्लान के मुताबिक नहीं होतीं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है घबराहट। पहली बात तो ये समझ लें कि अगर आप की कानूनी उम्र इसकी इजाजत नहीं देती है तो इंतजार करें, आपका समय आएगा। जल्दबाजी में कानून बिल्कुल न तोड़े, ये आगे चलकर आपको दिक्कत में डाल सकता है।
· उत्साह बनाम टेंशन : पहली बार जब आप सेक्स के बारे में सोचते हैं, तो एक तरफ एक्साइटमेंट होती है और दूसरी तरफ डर। अगर डर हावी हो जाए, तो आपका परफॉर्मेंस खराब हो सकता है। तो आपको समझना चाहिए ये सामान्य है।
· दूसरी बार की चिंता: पहली बार अच्छा अनुभव न होने पर अगली बार और ज्यादा घबराहट होती है, जिससे फोकस पार्टनर की जगह खुद की बॉडी पर चला जाता है। ये चीज सिचुएशन को और खराब कर देती है।
2. इंटरनेट से मिली गलत जानकारी : आजकल हर चीज़ के लिए इंटरनेट

का सहारा लिया जाता है। लेकिन इंटरनेट पर हर जानकारी सही नहीं होती। वहां भी लिखने और जानकारी देने वाले कई लोग एक्सपर्ट नहीं होते, इसलिए क्रास चेक करना ज़रूरी है।
· गलत धारणाएं: कई आर्टिकल्स और वीडियोज़ ये कहते हैं कि मास्टरबेशन से नसें कमजोर हो जाती हैं या ब्लड फ्लो में दिक्कत आती है। ऐसी बातें युवाओं में डर पैदा करती हैं।
· मॉर्निंग इरेक्शन की गलत जानकारी: इंटरनेट पर बताया जाता है कि मॉर्निंग इरेक्शन सही होना चाहिए, लेकिन ये नहीं बताया जाता कि अगर आप स्ट्रेस में हैं तो मॉर्निंग इरेक्शन पर भी असर पड़ सकता है।
3. नकली डॉक्टरों और झोलाछाप लोगों का जाल:
कई बार लोग सेक्शुअल हेल्थ के लिए झोलाछाप डॉक्टरों के पास चले जाते हैं, जो न सिर्फ गलत जानकारी देते हैं बल्कि गलत इलाज भी करते हैं।
ऐसे डॉक्टर मास्टरबेशन को हर समस्या की जड़ बता देते हैं, जबकि ये साइंटिफिकली गलत है। ये डॉक्टर अक्सर ऐसी दवाइयां देते हैं जो आपकी प्रॉब्लम सॉल्व करने के बजाय बढ़ा सकती हैं।
4. क्या नॉर्मल है और क्या नहीं:

· नॉर्मल चीजें: अगर शुरू में सेक्स ( sex ) के दौरान परफॉर्मेंस
( performance ) में दिक्कत हो तो इसे नॉर्मल माना जा सकता है। इसे तुरंत कोई बड़ी समस्या नहीं समझना चाहिए। इसके बारे में बहुत चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
· कब डॉक्टर के पास जाएं: अगर ये दिक्कत 6 महीने से ज्यादा बनी रहती है, तो किसी अच्छे डॉक्टर ( doctor) से सलाह लें।
5. सॉल्यूशन और सुझाव:
· रिलैक्स रहें : सेक्स एक नेचुरल प्रोसेस है। इसे लेकर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।
· प्रोफेशनल हेल्प लें : अगर आपको लगता है कि चीजें बिगड़ रही हैं, तो किसी क्वालिफाइड डॉक्टर से बात करें।
· गलतफहमियों से बचें: इंटरनेट पर हर चीज सही नहीं होती। सही जानकारी के लिए विश्वसनीय सोर्स पर भरोसा करें।
· अपनी हेल्थ का ध्यान रखें: रोज़ाना एक्सरसाइज करें, हेल्दी खाना खाएं और स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें।
6. भारत, चीन और यूरोप के युवाओं की तुलना:

· भारत: यहां सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं होती, जिससे युवाओं को सही गाइडेंस नहीं मिल पाती।
· चीन: चीन में भी सेक्स एजुकेशन ( sex education ) सीमित है, लेकिन इंटरनेट की मदद से चीजें बदल रही हैं।
· यूरोप: यूरोप में स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दी जाती है, जिससे वहां के युवा ज्यादा अवेयर होते हैं। वहां सेक्स कोई टैबू नहीं है और इसे धर्म और संस्कार से जोड़ा नहीं जाता। आमतौर पर इसे सामान्य माना जाता है, जब तक कि इसमें सहमति शामिल है।
7. लड़कों और लड़कियों के बीच फर्क:
· लड़के: लड़कों में परफॉर्मेंस की चिंता ज्यादा होती है, जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
· लड़कियां: लड़कियों में जागरूकता की कमी और सही गाइडेंस न मिल पाना उनकी परेशानियों का मुख्य कारण है।
तो युवाओं को ये समझने की जरूरत है कि सेक्शुअल समस्याएं ( sexual problems ) आम होती हैं और इनका हल मुमकिन है। सही जानकारी और एक्सपर्ट की सलाह से इन परेशानियों को सुलझाया जा सकता है। सेक्स के बारे में खुलकर बात करना और सही जानकारी लेना ही इसका सबसे अच्छा तरीका है। कोई भी फैसला करने से पहले मेडिकल प्रैक्टिशनर्स से राय ज़रूर लें।

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