Effect in jobs by Artificial Intelligence- भारत के जॉब सेक्टर में ‘तबाही’ लाने जा रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 2030 तक 5 करोड़ नौकरियां ‘गटक’ जाएगा AI? अपनी नौकरी ऐसे बचाएं ?
Posted by Admin | 10 March, 2025

AI in India- आजकल पूरी दुनिया में AI का हल्ला है। आर्टिफिशियल इंजेलीजेंस (Artificial Intelligence) भारत ( India) में कौन सी नौकरियां ( jobs) खत्म कर देगा और कौन की नई नौकरियां ( New jobs in AI ) इसके आने से पैदा होंगी। कोई इसे भविष्य ( Future) की क्रांति कह रहा है, तो कोई इसे नौकरियों का दुश्मन ( enemy of jobs) बता रहा है। भारत जैसे देश में, जहां हर साल लाखों युवा नौकरी की तलाश में निकलते हैं, कहा जा रहा है कि 2030 तक 5 करोड़ नौकरियां गटकने जा रहा है एआई। AI का मतलब है मशीनों को इतना स्मार्ट बनाना कि वो इंसानों की तरह सोच सकें और काम कर सकें। इसमें ऑटोमेशन (Automation) , डेटा एनालिसिस ( Data Analysis) और रोबोट्स ( robots) शामिल हैं। भारत में कुछ नौकरियां ऐसी हैं, जो AI के आने से खतरे में पड़ सकती हैं। ये वो काम हैं जो बार-बार दोहराए जाते हैं या जिनमें सोच-विचार कम लगता है। जिन कामों को बार-बार एक ही ढर्रे पर रिपीट करना पड़ता है, जैसे डेटा एंट्री, कॉल सेन्टर्स, ऑपरेटिंग- इन कामों में 80 फीसदी वर्क फोर्स हटा दी जाएगी। तो क्या AI का आना हमारे देश के लिए अभिशाप है, ये हमारी नौकरियों का क्या करेगा? क्या ये हमसे हमारा रोजगार छीन लेगा या फिर नए मौके देगा? यंगिस्तान ( youngistan.co.in) आज आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देगा।
नौकरियां कहां से आती हैं ?
सबसे पहले ये समझते हैं कि भारत में नौकरियां ( jobs) कहां से आती हैं और बेरोजगारी ( unemployment) का मसला कितना बड़ा है। भारत की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा है, और हर साल करीब 1 करोड़ युवा नौकरी के बाजार में कदम रखते हैं। लेकिन दिक्कत ये है कि हमारे पास इतनी नौकरियां नहीं हैं कि सबको काम मिल जाए। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी की दर 29% तक है, जबकि अनपढ़ लोगों में ये सिर्फ 3-4% है। यानी जितना ज्यादा पढ़ा-लिखा युवा, उतना ज्यादा खतरा बेरोजगार रहने का।
रोजगार देने वाले सेक्टर
अब सवाल ये है कि नौकरियां कहां मिलती हैं? भारत में कुछ बड़े सेक्टर्स हैं जो सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं
कृषि (Agriculture): देश में करीब 46% लोग खेती-बाड़ी से जुड़े हैं, लेकिन नए ज़माने के शिक्षित युवा खेती बाड़ी से बचना चाहते हैं। इसका कारण ये है कि यहां कमाई कम और मेहनत ज्यादा है।
मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing ) : देश में फैक्ट्रियों में 11-12% लोग काम करते हैं। कपड़ा, ऑटोमोबाइल, और छोटे-मोटे सामान बनाने का काम इसमें आता है।
सर्विस सेक्टर ( Service Sector): इसमें IT, बैंकिंग, होटल, ट्रांसपोर्ट, और रिटेल जैसे काम शामिल हैं। ये सेक्टर 25-30% नौकरियां देता है और तेजी से बढ़ रहा है।
कंस्ट्रक्शन ( Construction) : 12% लोग बिल्डिंग, सड़क, और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में लगे हैं।
आईटी और टेक्नोलॉजी ( IT Sector) : ये छोटा लेकिन तेजी से बढ़ता सेक्टर है, जो 40-50 लाख लोगों को नौकरी देता है। लेकिन बेरोजगारी का आंकड़ा अभी भी 7-8% के आसपास है। ग्रामीण इलाकों में ये 2-3% तक कम हो गई है, पर शहरों में 5-6% बनी हुई है। यानी शहरों में पढ़े-लिखे युवाओं के लिए नौकरी ढूंढना अभी भी मुश्किल है। अब इसमें AI की एंट्री होती है। तो चलिए देखते हैं कि ये क्या-क्या बदल सकता है।
AI कौन सी नौकरियां खत्म कर सकता है?

1. डेटा एंट्री और क्लर्क का काम ( Data Entry)
क्या है ये काम?
बैंकों, दफ्तरों, और दुकानों में लोग डेटा टाइप करते हैं, फाइलें संभालते हैं, और हिसाब-किताब रखते हैं। पुराने जमाने में बड़े सेठों के यहां मुनीम हुआ करते थे, आजकल एकाउंटेंट ये काम करते हैं।
AI कैसे खत्म करेगा?
AI सॉफ्टवेयर अब डेटा को खुद पढ़कर एंट्री कर सकते हैं। जैसे, स्कैनर से बिल स्कैन करो और AI उसे अपने आप रजिस्टर में डाल देगा। जो एकाउंट एक इंसान पूरे दिन में करता है, एआई सॉफ्टवेयर उसको 5 मिनट में कर देगा, वह भी बिना गलती के। अगर आप एकाउंटिंग का काम करते हैं तो आपको अभी से खुद को अपग्रेड ( Upgrade) करना पड़ेगा। भारत में 1-2 करोड़ लोग इस तरह के काम करते हैं। अगले 5-10 साल में इनमें से 50-60% नौकरियां जा सकती हैं।
कब तक?
2030 तक ये बदलाव साफ दिखेगा।
2. फैक्ट्री में मजदूरी
क्या है ये काम?
कपड़े सिलना, सामान पैक करना, या मशीन चलाना।
AI कैसे खत्म करेगा?
रोबोट्स अब ये काम तेजी और सस्ते में कर सकते हैं। जैसे, ऑटोमोबाइल फैक्ट्रियों में रोबोट्स गाड़ियां असेंबल कर रहे हैं।
कितने लोग प्रभावित होंगे? मैन्युफैक्चरिंग में 4-5 करोड़ लोग काम करते हैं। इनमें से 20-30% नौकरियां 10-15 साल में कम हो सकती हैं।
कब तक?
2035 तक बड़े पैमाने पर रोबोट्स फैक्ट्रियों में दिखेंगे।
3. कस्टमर केयर और कॉल सेंटर
क्या है ये काम?
फोन पर कस्टमर्स की शिकायत सुनना और सॉल्यूशन देना।
AI कैसे खत्म करेगा?
चैटबॉट्स और वॉयस असिस्टेंट (जैसे Siri) अब कस्टमर्स से बात कर सकते हैं। भारत के बड़े कॉल सेंटर्स में पहले ही AI ट्रायल शुरू हो गया है।
कितने लोग प्रभावित होंगे? भारत में कॉल सेंटर इंडस्ट्री 10-12 लाख लोगों को नौकरी देती है। 40-50% नौकरियां खतरे में हैं।
कब तक?
2028-2030 तक ये बदलाव तेज होगा।
4. ड्राइविंग और डिलीवरी
क्या है ये काम?
ट्रक, टैक्सी, और डिलीवरी ब्वॉय का काम।
AI कैसे खत्म करेगा?
सेल्फ-ड्राइविंग गाड़ियां (जैसे टेस्ला) और ड्रोन डिलीवरी सिस्टम इसे बदल देंगे।
कितने लोग प्रभावित होंगे? भारत में 1.5-2 करोड़ लोग ड्राइविंग से जुड़े हैं। शुरुआत में 10-15% नौकरियां जाएंगी, लेकिन 20-30 साल में ये आंकड़ा 70-80% तक पहुंच सकता है।
कब तक?
2040 तक बड़े शहरों में सेल्फ-ड्राइविंग आम होगी।
5. छोटे-मोटे अकाउंटिंग काम
क्या है ये काम?
छोटी दुकानों या ऑफिस में हिसाब-किताब करना।
AI कैसे खत्म करेगा?
AI टूल्स जैसे QuickBooks अब ऑटोमैटिक बिलिंग और टैक्स कैलकुलेशन कर सकते हैं।
कितने लोग प्रभावित होंगे? 50 लाख से 1 करोड़ लोग इस काम में लगे हैं। 30-40% नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
कब तक?
2030 तक ये साफ दिखेगा।
तो कुल मिलाकर, अगले 10-15 साल में 5-10 करोड़ नौकरियां AI की वजह से जा सकती हैं। ये वो काम हैं जो आसान, दोहराव वाले, और कम दिमाग लगाने वाले हैं। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। अब देखते हैं कि AI क्या नए मौके दे सकता है।
AI से कौन सी नई नौकरियां पैदा होंगी?

AI सिर्फ नौकरियां छीनने वाला नहीं है, बल्कि नौकरियां के नए दरवाजे भी खोलेगा। भारत जैसे देश में, जहां टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है, AI कई सेक्टर्स में नई नौकरियां ला सकता है। ये वो काम होंगे जिनमें दिमाग, क्रिएटिविटी, और नई स्किल्स की जरूरत होगी।
1. AI डेवलपर और डेटा साइंटिस्ट
क्या है ये काम?
AI सॉफ्टवेयर बनाना, उसे ट्रेन करना, और डेटा से नतीजे निकालना।
कितनी नौकरियां बनेंगी?
भारत में अभी 5-7 लाख लोग इस फील्ड में हैं। अगले 10 साल में ये संख्या 20-25 लाख तक जा सकती है।
कब तक?
2030 तक ये बड़ा सेक्टर होगा।
कहां मिलेगा काम?
IT हब्स जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे में।
2. रोबोटिक्स इंजीनियर
क्या है ये काम?
रोबोट्स डिजाइन करना और उनकी देखभाल करना।
कितनी नौकरियां बनेंगी?
अभी 1-2 लाख लोग इस फील्ड में हैं। 2035 तक 10-15 लाख नौकरियां बन सकती हैं।
कब तक?
2035 तक फैक्ट्रियों में डिमांड बढ़ेगी।
कहां मिलेगा काम?
मैन्युफैक्चरिंग हब्स जैसे चेन्नई और गुजरात में।
3. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
क्या है ये काम?
AI सिस्टम को हैकर्स से बचाना।
कितनी नौकरियां बनेंगी?
अभी 2-3 लाख लोग इस फील्ड में हैं। 10 साल में 10-12 लाख तक पहुंच सकता है।
कब तक?
2030 तक ये जरूरी हो जाएगा।
कहां मिलेगा काम?
हर बड़े शहर में।
4. हेल्थकेयर में AI स्पेशलिस्ट
क्या है ये काम?
AI से बीमारियों का पता लगाना और इलाज प्लान करना।
कितनी नौकरियां बनेंगी?
अभी 50,000 लोग इस फील्ड में हैं। 2035 तक 5-7 लाख नौकरियां बन सकती हैं।
कब तक?
2035 तक हॉस्पिटल्स में AI आम होगा।
कहां मिलेगा काम?
दिल्ली, मुंबई, और बड़े हॉस्पिटल्स में।
5. एजुकेशन में AI ट्रेनर
क्या है ये काम?
बच्चों को AI टूल्स सिखाना और ऑनलाइन कोर्स डिजाइन करना।
कितनी नौकरियां बनेंगी?
2-3 लाख नौकरियां अगले 10 साल में।
कब तक?
2030 तक स्कूल-कॉलेज में डिमांड बढ़ेगी।
कहां मिलेगा काम?
पूरे देश में, खासकर छोटे शहरों में।
तो AI से अगले 15-20 साल में 2-3 करोड़ नई नौकरियां बन सकती हैं। ये वो काम होंगे जो नई टेक्नोलॉजी और स्किल्स पर आधारित होंगे। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये नई नौकरियां पुरानी नौकरियों की कमी को पूरा कर पाएंगी?
AI का सेक्टर्स पर असर और बेरोजगारी की तुलना

अब हम सेक्टर-दर-सेक्टर देखते हैं कि AI का असर क्या होगा और बेरोजगारी पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
1. कृषि (एग्रीकल्चर)
AI का असर: AI खेती में मदद करेगा। जैसे, ड्रोन से खेतों की निगरानी, मौसम का अनुमान, और फसलों की सेहत चेक करना। लेकिन छोटे किसानों के पास इसे अपनाने के पैसे नहीं होंगे। आज भी भारत में छोटे किसान ट्रैक्टर नहीं ख़रीद पाते हैं तो फिर रोबोट ख़रीदने से सस्ता उनको मानव श्रम पड़ेगा, लेकिन जिन देशों में मानव कम हैं, उनको मशीनों की मदद लेना सस्ता पड़ेगा।
नौकरियां: मजदूरी कम होगी, लेकिन AI टूल्स चलाने वाले 5-10 लाख नए जॉब बन सकते हैं।
बेरोजगारी: ग्रामीण इलाकों में शुरुआत में बेरोजगारी बढ़ सकती है, पर लंबे समय में फायदा होगा।
कब तक?
2035 तक बड़े बदलाव दिखेंगे।
2. मैन्युफैक्चरिंग
AI का असर: रोबोट्स मजदूरी की जगह लेंगे, लेकिन प्रोडक्शन बढ़ेगा।
नौकरियां: 1-2 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं, पर रोबोटिक्स में 10-15 लाख नए जॉब बनेंगे।
बेरोजगारी: शुरुआती 10 साल में बढ़ेगी, फिर घटेगी।
कब तक?
2035 तक फैक्ट्रियां ऑटोमेटेड होंगी।
3. सर्विस सेक्टर (IT, बैंकिंग, रिटेल)
AI का असर: IT में AI डेवलपमेंट बढ़ेगा, लेकिन कॉल सेंटर और रिटेल में ऑटोमेशन से नौकरियां कम होंगी।
नौकरियां: IT में 15-20 लाख नए जॉब, लेकिन कॉल सेंटर में 5-7 लाख नौकरियां खत्म।
बेरोजगारी: शहरी पढ़े-लिखे युवाओं के लिए फायदा, पर कम स्किल वालों के लिए नुकसान।
कब तक?
2030 तक असर साफ होगा।
4. कंस्ट्रक्शन
AI का असर: AI से डिजाइन और प्लानिंग बेहतर होगी, लेकिन मजदूरी पर ज्यादा असर नहीं।
नौकरियां: 2-3 लाख नए जॉब (AI डिजाइनर), पर मजदूरी बचेगी।
बेरोजगारी: ज्यादा बदलाव नहीं।
कब तक?
2040 तक धीरे-धीरे असर।
5. हेल्थकेयर
AI का असर: डायग्नोसिस और इलाज में मदद, लेकिन डॉक्टरों की जगह नहीं लेगा।
नौकरियां: 5-7 लाख नए जॉब (AI हेल्थ स्पेशलिस्ट)।
बेरोजगारी: कम होगी।
कब तक?
2035 तक बड़ा बदलाव।
कुल मिलाकर क्या होगा?
नौकरियां खत्म: 3-5 करोड़ (2030-2040 तक)।
नई नौकरियां: 2-3 करोड़ (2030-2040 तक)।
बेरोजगारी: शुरुआती 10-15 साल में 1-2% बढ़ सकती है, क्योंकि पुरानी नौकरियां तेजी से जाएंगी और नई नौकरियां धीरे-धीरे आएंगी। लेकिन 2040 के बाद ये बैलेंस हो सकता है।
चुनौतियां:
स्किल गैप: नई नौकरियों के लिए AI, प्रोग्रामिंग, और डेटा साइंस की स्किल चाहिए, जो अभी 90% युवाओं के पास नहीं है।
गांव vs शहर: शहरों में नई नौकरियां बनेंगी, लेकिन गांवों में नुकसान ज्यादा होगा।
पैसा: AI अपनाने में लागत ज्यादा है, जो छोटे बिजनेस और किसानों के लिए मुश्किल है।
मौके:
ट्रेनिंग: सरकार और कंपनियां अगर स्किल ट्रेनिंग दें, तो युवा तैयार हो सकते हैं।
निर्यात: भारत AI प्रोडक्ट्स का हब बन सकता है, जैसे iPhone मैन्युफैक्चरिंग शुरू हुई है।
शिक्षा: ऑनलाइन एजुकेशन से स्किल गैप कम हो सकता है।
AI दोस्त है या दुश्मन?

AI भारत में नौकरियों का खेल बदलने वाला है। ये सच है कि कुछ पुराने काम खत्म होंगे, खासकर वो जो आसान और दोहराव वाले हैं। लेकिन ये भी सच है कि AI नए मौके लाएगा, जो पहले कभी नहीं थे। अगले 15-20 साल में भारत को तैयार रहना होगा। सरकार को स्किल डेवलपमेंट पर जोर देना होगा, ताकि युवा नई नौकरियों के लिए तैयार हों। अगर हम सही कदम उठाएं, तो AI बेरोजगारी का दुश्मन नहीं, बल्कि रोजगार का दोस्त बन सकता है। लेकिन अगर हम चूके, तो बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ सकता है। वैसे जिन देशों में आबादी कम होती जा रही है, वहां के लिए तो एआई वरदान से कम नहीं है, लेकिन भारत जैसे जिन देशों में आबादी ज़्यादा है, वहां एआई आधारित रोबोट पर इनवेस्ट करना कंपनियां क्यों अफोर्ड करना चाहेंगी, ये भी बड़ा सवाल है। इसलिए एआई से डरने की नहीं, बल्कि उसकी पीठ पर बैठकर घोड़े की तरह चलाने की जरूरत है। इसमें इतना ख़्याल रखना पड़ेगा कि घोड़े की रफ्तार से संतुलन बनाना आना चाहिए, नहीं तो आपको गिराने से नहीं चूकेगा।
यंगिस्तान की ये पड़ताल आपको कैसी लगी, अपनी राय कॉमेन्ट बॉक्स में ज़रूर रखें। इस लेख को पढ़ने कि लिए शुक्रिया।
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